जनता को डायरेक्ट लूटते हैं ये रिलायंस वाले…
मुझको भी ठगा इस कंपनी ने… मैंने महीनों पहले रिलायंस का 8010292708 नंबर
का एक सिम लिया. इस सिम को 3जी इंटरनेट
यूज करने के मकसद से खरीदा. इससे कभी काल नहीं करता. सिम लेने के बाद जब
महीने भर इस्तेमाल किया. शुरुआती 3जी इंटरनेट पैक खत्म हुआ. दुबारा 3जी
इंटरनेट पैक आनलाइन रिचार्ज किया. अचानक सिम चलने में दिक्कत आने लगी.
बार-बार डिसकनेक्ट हो जाता. इस सिम को डीलिंक कंपनी के डोंगल में डालकर
इस्तेमाल करता हूं.
रिलायंस के कस्टमर केयर को फोन किया तो इन्होंने बताया कि आप को इस सिम
में 3जी इंटरनेट पैक के अलावा दस या बीस रुपये एक्स्ट्रा कालिंग के लिए
रखने होंगे, तब ये सही से चलेगा. इस बेतुकी सलाह की गहराई में जाए बगैर
मैंने तीस रुपये का एक्स्ट्रा काल के लिए रिचार्ज कर दिया. पर एक दिन देखा
कि मैसेज आया कि VAS Video Store के नाम पर आपके बैलेंस से दो रुपये काट
लिए गए. ऐसे ही एक बार फिर VAS Video Store के लिए एक रुपये काटे गए. ये
सिलसिला चलता रहा. मुझे खराब तो लगता था लेकिन काम के दबाव में इसे इगनोर
करता रहा और 3जी इंटरनेट पैक के साथ-साथ कालिंक के लिए भी एक्स्ट्रा
रिचार्ज करता रहा. सैकड़ों रुपये कटते गए.
आज अभी अभी देखा कि VAS USSD के लिए तीन रुपये काटे गए. मैंने कोई VAS यानि वैल्यू एडेड सर्विस शुरू नहीं कराई थी तो अचानक ये किस मद में पैसे कटते रहे और कट रहे हैं? देखते ही देखते जो एक्स्ट्रा बैलेंस डलवाया था, वो खत्म हो गया. फिर यही कहानी. बीस या तीस रुपये डलवाता और वैस वीडियो स्टोर या वैस यूएसएसडी के नाम पर पैसे कट जाते.
आज मुझसे नहीं रहा गया. सिम को डोंगल से निकालकर मोबाइल फोन में लगाया और रिलायंस के टाल फ्री कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया. कस्टमर केयर पर रिलायंस वाले बंदे ने कहा कि वैस डीएक्टीवेट कराने के लिए इस नंबर पर नहीं, किसी दूसरे नंबर पर काल करिए. उसने दूसरा नंबर दिया. उस पर काम नहीं बना तो सर्च किया आनलाइन रिलायंस के कस्टमर केयर नंबरों को. रिलायंस के नंबरों के मकड़जाल में उलझा रहा, काल करता रहा. कस्टमर केयर वालों से डायरेक्ट बात नहीं हो पा रही थी. आटोमेटेड सर्विस के निर्देशों का पालन करता रहा कि फलां नंबर दबाइए तो फलां नंबर दबाकर फलां फल पाइए.
अंततः काफी रुपये खर्च करने के बाद कस्टमर केयर का बंदा पकड़ में आया. उसके मैंने अपनी परेशानी बताई तो उसने कहा कि चौबीस घंटे में खत्म हो जाएगा यह. मैंने पूछा कि आखिर किसने इसे एक्टीवेट कराया था. इस पर वह दाएं बाएं बात करता रहा और कहता रहा कि यह सर्विस चौबीस घंटे में बंद हो जाएगी, अब आपको परेशानी नहीं आएगी.
इसके बाद तो मैं फट पड़ा. ....तुम तो डायरेक्ट लूट रहे हो देश की जनता को. मैं दिल्ली शहर में रहता हूं और मेरे जैसे को तुम सबों ने अब तक सैकड़ों रुपये से ज्यादा का चूना लगा दिया तो बेचारे गांव देहात के लोगों का लगातार कितना पैसे काटते होगे.
इस डायरेक्ट लूट के खिलाफ कहीं कोई आवाज नहीं, कहीं कोई खबर नहीं, कहीं कोई मुहिम नहीं. मैंने इस प्रकरण को उपभोक्ता फोरम में ले जाने का तय किया लेकिन वही दिक्कत है कि वहां एक वकील करो, उसे भर पेट फीस दो, फिर सुनवाई दर सुनवाई में समय व पैसे नष्ट करो. तब जाकर कुछ निकलेगा.
क्या अंबानी के इस डायरेक्ट लूट का कोई अन्य इलाज है? शायद है. वो ये है कि हम सब सोशल मीडिया से लेकर वेब, ब्लाग हर जगह इस लूट के बारे में इतना प्रचार करें कि इन ...को अकल आए. ट्राई नामक संस्थाएं जाने कहां सोई पड़ी हैं. अब सच में यकीन हो रहा है कि इस देश को कोई और नहीं बल्कि अंबानी चलाता है और वह नेताओं से लेकर अफसरों तक को पैसे खिलाकर अपनी लूट के लिए रास्ता साफ रखता है.
दोस्तों, इस मसले पर आपकी अमूल्य राय जरूर चाहूंगा कि कैसे मैं अपने साथ की गई रिलायंस की धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठाऊं और न्याय पाउं. Reliance Fraud Company के खिलाफ हमको सबको मिल कर आवाज उठाने की जरूरत है. अगर आपके साथ भी धोखाधड़ी हुई है तो उसे शेयर करिए, लिखिए, फेसबुक पर डालिए, वेब-ब्लागों को भेजिए, पोस्ट करिए, ताकि जनता खबरदार हो सके और Reliance Mobile Fraud के बारे में जन-जन तक बात पहुंच सके.
ऐसा नहीं कि ये रिलायंस वाले सिर्फ मोबाइल क्षेत्र में जनता को लूट रहे हैं. ये बिजली से लेकर तेल, गैस सभी क्षेत्रों में जनता और सरकार को ठग-लूट रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने इन फ्राडिया रिलायंसवालों की ढेर सारे भेद खोल कर जन-जन को बताया. लेकिन ये बिलकुल भी डरे, रुके नहीं हैं. ये बेखौफ होकर लूट लगातार जारी रखे हुए हैं.
कहा भी जाता है कि भारत के लोकतांत्रिक सिस्टम को करप्ट बनाने का पूरा का पूरा श्रेय इन्हीं अंबानियों को जाता है. इन अंबानियों के बाप ने भारत के नेताओं और अफसरों को धनबल के जरिए अपने पैरोल पर रखने की शुरुआत की और आज पूरा का पूरा तंत्र अंबानी के तलवे चाट रहा है. लुट रहा है तो आम जन. देश के आम लोगों की जेब ये अंबानी के औलाद खुलेआम काट रहे हैं, पर इनके खिलाफ कहीं कोई सुनवाई नहीं. लगता है जैसे ये लोकतंत्र न होकर, अंबानी तंत्र है जहां अंबानी जिसकी जितनी जेब चाहें काट सकते हैं, जिससे जितना चाहें पैसा उगाह सकते हैं, कोई साला सिस्टम यहां अंबानियों पर सवाल नहीं उठा सकता.
(यशवंत सिंह की फेसबुक वाल से)
आज अभी अभी देखा कि VAS USSD के लिए तीन रुपये काटे गए. मैंने कोई VAS यानि वैल्यू एडेड सर्विस शुरू नहीं कराई थी तो अचानक ये किस मद में पैसे कटते रहे और कट रहे हैं? देखते ही देखते जो एक्स्ट्रा बैलेंस डलवाया था, वो खत्म हो गया. फिर यही कहानी. बीस या तीस रुपये डलवाता और वैस वीडियो स्टोर या वैस यूएसएसडी के नाम पर पैसे कट जाते.
आज मुझसे नहीं रहा गया. सिम को डोंगल से निकालकर मोबाइल फोन में लगाया और रिलायंस के टाल फ्री कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया. कस्टमर केयर पर रिलायंस वाले बंदे ने कहा कि वैस डीएक्टीवेट कराने के लिए इस नंबर पर नहीं, किसी दूसरे नंबर पर काल करिए. उसने दूसरा नंबर दिया. उस पर काम नहीं बना तो सर्च किया आनलाइन रिलायंस के कस्टमर केयर नंबरों को. रिलायंस के नंबरों के मकड़जाल में उलझा रहा, काल करता रहा. कस्टमर केयर वालों से डायरेक्ट बात नहीं हो पा रही थी. आटोमेटेड सर्विस के निर्देशों का पालन करता रहा कि फलां नंबर दबाइए तो फलां नंबर दबाकर फलां फल पाइए.
अंततः काफी रुपये खर्च करने के बाद कस्टमर केयर का बंदा पकड़ में आया. उसके मैंने अपनी परेशानी बताई तो उसने कहा कि चौबीस घंटे में खत्म हो जाएगा यह. मैंने पूछा कि आखिर किसने इसे एक्टीवेट कराया था. इस पर वह दाएं बाएं बात करता रहा और कहता रहा कि यह सर्विस चौबीस घंटे में बंद हो जाएगी, अब आपको परेशानी नहीं आएगी.
इसके बाद तो मैं फट पड़ा. ....तुम तो डायरेक्ट लूट रहे हो देश की जनता को. मैं दिल्ली शहर में रहता हूं और मेरे जैसे को तुम सबों ने अब तक सैकड़ों रुपये से ज्यादा का चूना लगा दिया तो बेचारे गांव देहात के लोगों का लगातार कितना पैसे काटते होगे.
इस डायरेक्ट लूट के खिलाफ कहीं कोई आवाज नहीं, कहीं कोई खबर नहीं, कहीं कोई मुहिम नहीं. मैंने इस प्रकरण को उपभोक्ता फोरम में ले जाने का तय किया लेकिन वही दिक्कत है कि वहां एक वकील करो, उसे भर पेट फीस दो, फिर सुनवाई दर सुनवाई में समय व पैसे नष्ट करो. तब जाकर कुछ निकलेगा.
क्या अंबानी के इस डायरेक्ट लूट का कोई अन्य इलाज है? शायद है. वो ये है कि हम सब सोशल मीडिया से लेकर वेब, ब्लाग हर जगह इस लूट के बारे में इतना प्रचार करें कि इन ...को अकल आए. ट्राई नामक संस्थाएं जाने कहां सोई पड़ी हैं. अब सच में यकीन हो रहा है कि इस देश को कोई और नहीं बल्कि अंबानी चलाता है और वह नेताओं से लेकर अफसरों तक को पैसे खिलाकर अपनी लूट के लिए रास्ता साफ रखता है.
दोस्तों, इस मसले पर आपकी अमूल्य राय जरूर चाहूंगा कि कैसे मैं अपने साथ की गई रिलायंस की धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठाऊं और न्याय पाउं. Reliance Fraud Company के खिलाफ हमको सबको मिल कर आवाज उठाने की जरूरत है. अगर आपके साथ भी धोखाधड़ी हुई है तो उसे शेयर करिए, लिखिए, फेसबुक पर डालिए, वेब-ब्लागों को भेजिए, पोस्ट करिए, ताकि जनता खबरदार हो सके और Reliance Mobile Fraud के बारे में जन-जन तक बात पहुंच सके.
ऐसा नहीं कि ये रिलायंस वाले सिर्फ मोबाइल क्षेत्र में जनता को लूट रहे हैं. ये बिजली से लेकर तेल, गैस सभी क्षेत्रों में जनता और सरकार को ठग-लूट रहे हैं. अरविंद केजरीवाल ने इन फ्राडिया रिलायंसवालों की ढेर सारे भेद खोल कर जन-जन को बताया. लेकिन ये बिलकुल भी डरे, रुके नहीं हैं. ये बेखौफ होकर लूट लगातार जारी रखे हुए हैं.
कहा भी जाता है कि भारत के लोकतांत्रिक सिस्टम को करप्ट बनाने का पूरा का पूरा श्रेय इन्हीं अंबानियों को जाता है. इन अंबानियों के बाप ने भारत के नेताओं और अफसरों को धनबल के जरिए अपने पैरोल पर रखने की शुरुआत की और आज पूरा का पूरा तंत्र अंबानी के तलवे चाट रहा है. लुट रहा है तो आम जन. देश के आम लोगों की जेब ये अंबानी के औलाद खुलेआम काट रहे हैं, पर इनके खिलाफ कहीं कोई सुनवाई नहीं. लगता है जैसे ये लोकतंत्र न होकर, अंबानी तंत्र है जहां अंबानी जिसकी जितनी जेब चाहें काट सकते हैं, जिससे जितना चाहें पैसा उगाह सकते हैं, कोई साला सिस्टम यहां अंबानियों पर सवाल नहीं उठा सकता.
(यशवंत सिंह की फेसबुक वाल से)
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