Saturday, September 25, 2010

बिहार विधानसभा चुनाव छह चरणों में: नीतीश-लालू को बोनस

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सरोज सिंह

sarojsingh@chauthiduniya.com



बिहार विधानसभा चुनाव छह चरणों में कराने की घोषणा ने एक साथ दो सवालों को जन्म दिया. पहला यह कि क्या इतनी लंबी चुनावी प्रक्रिया नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम करने का कदम है और दूसरा यह कि कहीं इस थकाऊ कार्यक्रम से कुछ राजनीतिक दलों को जाने-अनजाने फायदा तो नहीं मिल जाएगा? दोनों ही सवालों का जवाब तो उस समय मिलेगा, जब वोट पड़ेंगे, पर चुनाव आयोग की घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस तेज़ हो गई है. पहले सवाल पर मतभेद कम हैं. बिहार में नक्सलियों के प्रभाव को देखते हुए इस तरह की सावधानी ज़रूरी बताई जा रही है.

छह चरणों में राज्य विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. लंबा चुनाव कार्यक्रम कई दलों के लिए वरदान बनकर सामने आया है, लेकिन जनसामान्य चिंतित है. वजह, चुनाव के दौरान परिवहन के सार्वजनिक साधनों का सरकारी इस्तेमाल और रोजमर्रा की जिंदगी में सुरक्षा व्यवस्था से पैदा होने वाली दिक्कतें. जिस समय चुनाव हो रहे होंगे, उसी दौरान कई पर्व पड़ेंगे और शादी-ब्याह का मौसम भी होगा. लेकिन चुनाव आयोग के सामने भी एक गंभीर चुनौती है कि चुनाव को शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष तरीके से कैसे संपन्न कराया जाए, क्योंकि राज्य के कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां नक्सलियों का वर्चस्व है.

पिछली बार चार चरणों में चुनाव कराए गए थे, पर इस बार नक्सलियों के बढ़ते प्रभाव का नतीजा है कि दो चरण बढ़ा दिए गए. हर चरण में कुछ सीटें नक्सलियों के प्रभाव वाली हैं, जहां ये चुनावी प्रकिया को बाधित या कहें प्रभावित करने की हैसियत रखते हैं. पहले चरण में सिमरी बख्तियारपुर और महिषी, दूसरे चरण में मीनापुर, पारू और साहेबगंज, तीसरे चरण में वाल्मीकिनगर, रामनगर (सुरक्षित), राघोपुर व पातेपुर (सुरक्षित), चौथे चरण में अलौली (सुरक्षित), सूर्यगढ़ा, तारापुर, जमालपुर, कटोरिया (सुरक्षित), बेलहर, सिकंदरा (सुरक्षित), जमुई, झाझा और चकाई में नक्सलियों से निपटने के लिए भारी सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. इन सीटों पर मतदान का समय भी बदल गया है. इन सीटों पर सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक ही वोट डाले जाएंगे. इसी तरह पांचवें चरण में रजौली (सुरक्षित), गोविंदपुर, अरवल, कुर्था, जहानाबाद, घोसी, मखदुमपुर (सुरक्षित), बोधगया (सुरक्षित), फुलवारी (सुरक्षित), मसौढ़ी (सुरक्षित), पालीगंज और बिक्रम और छठे चरण में भभुआ, चैनपुर, चेनारी (सुरक्षित), सासाराम, दिनारा, डेहरी, काराकाट, गोह, नवीननगर, कुटुंबा(सुरक्षित), रफीगंज, गुरूआ, शेरघाटी, इमामगंज (सुरक्षित), बाराचट्टी (सुरक्षित) और टेकारी में नक्सलियों की ताकत को देखते हुए आयोग विशेष इंतजाम करने में जुट गया है. आयोग का तर्क है कि सुरक्षाबलों की समुचित तैनाती के लिए ही इस तरह का चुनाव कार्यक्रम बनाया गया है. आयोग का यह तर्क बहुत हद तक लोगों के गले उतर रहा है, पर इतने लंबे चुनाव कार्यक्रम के दौरान दैनिक कार्यों में होने वाली असुविधा को लेकर लोगों के पसीने छूटने लगे हैं. पिछला अनुभव रहा है कि इस तरह के चुनाव कार्यक्रम का सबसे ज़्यादा असर परिवहन व्यवस्था पर पड़ता है. चुनाव कार्यों में गाड़ियों के लग जाने से लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जो थोड़े-बहुत वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं, वे मनमाना किराया वसूलते हैं. चूंकि प्रभावशाली लोगों की गाड़ियां सड़कों पर होती हैं, इसलिए आम जनता का विरोध कोई मायने नहीं रखता. यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि चुनाव के दौरान सारे बड़े पर्व पड़ रहे हैं. इसके अलावा इसी दौरान शादी-ब्याह की तैयारी भी शुरू होनी है. मतलब सा़फहै कि आम लोगों को परेशानी झेलनी ही झेलनी है. दशहरा, दीपावली एवं छठ में लाखों बिहारी जो राज्य के बाहर काम करते हैं, अपने घर आते हैं. यही वक़्त होता है, जब ये लोग अपने सामाजिक सरोकार का खाता खोलते हैं और इसे मज़बूत करते हैं. यानी कि वे अपने रिश्तेदारों के घर जाते हैं और खुद को समाज की मुख्यधारा से जोड़ते हुए सुख-दु:ख बांटते हैं, पर इस बार इनके पैरों का बंधना तय है. इसके अलावा देखा गया है कि चुनाव प्रक्रिया लंबी होने का असर दैनिक उपभोक्ता वस्तुओं पर भी पड़ता है. खाने-पीने की चीज़ों के दाम भी आसमान छूने लगते हैं. इस बार छह चरणों में चुनाव होने के कारण इस तरह की दिक्कतों में इज़ा़फा होने की आशंका है.

अब हम बात दूसरे सवाल की करते हैं. चुनाव प्रक्रिया लंबी होने से जाने-अनजाने कुछ राजनीतिक दलों को फायदा मिलने की बात पर एक राय नहीं है. माना जाता है कि इस तरह के कार्यक्रम से उन दलों को फायदा मिलता है, जिनके पास नेताओं की कमी है. ज़्यादा चरणों में चुनाव होने से इन दलों के नेता हर जगह जा सकते हैं. इशारा जदयू, लोजपा एवं राजद की तऱफ है. चूंकि कांग्रेस एवं भाजपा जैसी बड़ी पार्टियों के पास नेताओं की कोई कमी नहीं है तो इन्हें कोई फर्क़ नहीं पड़ता है. अगर चुनाव एक या दो चरण में भी होते हैं तो ये दल अपने किसी न किसी बड़े नेता को हर विधानसभा क्षेत्र में भेज सकते हैं. लेकिन लालू प्रसाद, नीतीश कुमार एवं रामविलास पासवान चाहकर भी ऐसा नहीं कर सकते. ज़्यादा चरणों में चुनाव होने से छोटी पार्टियों को संसाधन जुटाने का भी समय मिल जाता है. सबसे बड़ी बात यह होती है कि उम्मीदवारों के चयन के लिए का़फी वक़्त इन्हें मिल जाता है और ये हर चरण के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करते हैं. एक साथ पूरी सूची जारी करने के दबाव से बच जाते हैं. इसके अलावा इन नेताओं को एक फायदा यह भी मिलता है कि अगर एक चरण में कोई ग़लती रह गई तो बाद के चरण में उसे सुधारने का वक़्त मिल जाता है. इस बार के चुनाव में एक खास बात यह भी होगी कि पर्व के मा़ैके पर लाखों की संख्या में घर आने वाले बिहारी भी अपना वोट डाल सकेंगे. उम्मीद की जा रही है कि इन वोटों का फायदा राजद एवं जदयू को मिलेगा. बाहर रहने वाले बिहारी मोटे तौर पर लालू प्रसाद एवं नीतीश कुमार को ही अपना नेता मानते हैं. यह ऐसा वोट होगा, जो कई क्षेत्रों में चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकता है. खासकर मिथिलांचल के इलाक़े में ये वोट का़फी असर डालेंगे. राज्य से बाहर जाकर कमाने वाले ज़्यादातर वही लोग हैं, जो लालू एवं नीतीश के वोटर रहे हैं. चुनाव के मौक़े पर इनका अपने घरों में रहना जदयू एवं राजद के लिए बोनस की तरह है.

चुनावी कार्यक्रम

चरण अधिसूचना जारी नामांकन की नामांकन पत्रों नामांकन वापस मतदान

करने की तिथि अंतिम तिथि के जांच की तिथि लेने की तिथि की तिथि

प्रथम चरण सोमवार सोमवार मंगलवार गुरुवार गुरुवार

27.09.2010 04.10.2010 05.10.2010 07.10.2010 21.10.2010

दूसरा चरण बुधवार बुधवार गुरुवार शनिवार रविवार

29.09.2010 06.10.2010 07.10.2010 09.10.2010 24.10.2010

तीसरा चरण सोमवार सोमवार मंगलवार गुरुवार गुरुवार

04.10.2010 11.10.2010 12.10.2010 14.10.2010 28.10.2010

चौथा चरण गुरुवार गुरुवार शुक्रवार सोमवार सोमवार

07.10.2010 14.10.2010 15.10.2010 18.10.2010 01.11.2010

पांचवां चरण शुक्रवार शुक्रवार शनिवार सोमवार मंगलवार

15.10.2010 22.10.2010 23.10.2010 25.10.2010 09.11.2010

छठा चरण बुधवार बुधवार गुरुवार शनिवार रविवार

27.10.2010 03.11.2010 04.11.2010 06.11.2010 20.11.2010

मतदान कब और कहां

प्रथम चरण 21 अक्टूबर (47 सीटें)

हरलाखी, बेनीपट्टी, खजौली, बाबूबरही, विस्फी, मधुबनी, राजनगर (अजा.), झंझारपुर, फुलपरास, लौकहा, निर्मली, पिपरा, सुपौल, त्रिवेणीगंज (अजा.), फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट, सिकटी, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, अमौर, बायसी, कसबा, बनमनखी (अजा.), रूपौली, धमदाहा, पूर्णिया, कटिहार, कदवा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी (अजजा.), बरारी, कोढ़ा (अजा.), मधेपुरा, सोनवर्षा (अजा.), सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, महिषी.

दूसरा चरण 24 अक्टूबर (45 सीटें)

शिवहर, रीगा, बथनाहा (अजा.), परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी, सीतामढ़ी, रुन्नीसैदपुर, बेलसंड, कुशेश्वर स्थान (अजा.), गौराबौरम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा ग्रामीण, दरभंगा, हायाघाट, बहादुरपुर, केवटी, जाले, गायघाट, औराई, बोचहा (अजा.), सकरा (अजा.), कुढ़नी, मुजफ्फरपुर, कांटी, वरूराज, कल्याणपुर (अजा.), वारिसनगर, समस्तीपुर, उजियारपुर, मोरवा, सरायरंजन, मोहिउद्दीननगर, विभूतिपुर, रोसड़ा (अजा.), हसनपुर, नरकटिया, पिपरा, मधुबन, चिरैया, ढाका, मीनापुर, पारू, साहेबगंज.

तीसरा चरण 28 अक्टूबर (48 सीटें)

नरकटियागंज, बगहा, लौरिया, नौतन, चनपटिया, बेतिया, सिकटा, रक्सौल, सुगौला, हरसिद्धि (सु.), गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, मोतिहारी, बैकुंठपुर, बरौली, गोपालगंज, कुचायकोट, भोरे (सु.), हथुआ, सीवान, जीरादेई, दरौली (सु.), रघुनाथपुर, दरौंधा, बरहड़िया, गोरियाकोठी, महराजगंज, एकमा, मांझी, बनियापुर, तैरया, मढ़ौरा, छपरा, गरखा (सु.), महनार, वाल्मीकि नगर, रामनगर (सु.), राघोपुर व पातेपुर, अमनौर, परसा, सोनपुर, हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, महुआ, राजापाकर(सु.).

चौथा चरण 1 नवंबर (42 सीटें)

चेरिया बरियारपुर, बछवारा, तेघड़ा, मटिहानी, साहेबपुर कमाल, बेगूसराय, बखरी (सु.), खगड़िया, बेलदौर, परबत्ता, लखीसराय, मुंगेर, बिहपुर, गोपालपुर, पीरपैंती (सु.), कहलगांव, भागलपुर, सुल्तानगंज, नाथनगर, मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, अमरपुर, धोरैया (सु.) एवं बांका चौथे चरण में ही सुबह 7 बजे से 3 बजे तक जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होने हैं, उनमें अलौली (सु.), सूर्यगढ़ा, तारापुर, जमालपुर, कटोरिया (सु.), बेलहर, सिकंदरा (सु.), जमुई, झाझा एवं चकाई विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं.

पांचवां चरण 9 नवंबर (35 सीटें)

संदेश, बड़हरा, आरा, अगिआंव (सु.), तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर, हिसुआ, नवादा, वारसलीगंज, गया टाउन, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, शेखपुरा, बरबीघा, अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर (सु.), इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा, हरनौत, रजौली, गोविंदपुर, अरवल, कुर्था, जहानाबाद, घोसी, मकदुमपुर (सु.), बोधगया (सु.), फुलवारी (सु.), मसौढ़ी (सु.), पालीगंज व बिक्रम.

छठा चरण 20 नवंबर (26 सीटें)

ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव राजपुर (सु.), रामगढ़, मोहनिया (सु.), करगहर, नोखा, ओबरा एवं औरंगाबाद में सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक, जबकि भभुआ, चेनपुर, चेनारी (सु.), सासाराम, दिनारा, डेहरी, काराकाट, गोह, नबीनगर, कुटुंबा (सु.), रफीगंज, गुरूआ, शेरघाटी, इमामगंज (सु.), बाराचट्टी (सु.) एवं टिकारी में सुबह 7 बजे से 3 बजे तक मतदान होगा.

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