पश्चिम बंगाल में कमज़ोर होती पकड़ के बावजूद बिहार में वाम दल पूरी तैयारी के साथ चुनावी अखाड़े में कूदने की तैयारी कर रहे हैं. बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से लगभग दो सौ सीटों पर भाग्य आजमाने के लिए पार्टी नेता रात-दिन पसीना बहा रहे हैं. बंगाल से सटे बिहार में बेहतर प्रदर्शन कर वाम नेता यह संदेश देना चाहते हैं कि अभी सब कुछ ख़त्म नहीं हुआ है और घमासान जंग के बाद ही तय होगा कि लाल झंडे का भविष्य क्या होगा.
भाकपा-माकपा वाम एकता के साथ चुनावी दंगल में उतरना चाहती है. इसके लिए भाकपा और माकपा के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है. भाकपा माले ने क़रीब 100 सीटों पर, भाकपा ने 54 सीटों पर और माकपा ने 25-35 सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है.
अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में प्रदेश की प्रमुख वामपंथी पार्टी भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (भाकपा), भाकपा माले और माकपा की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. भाकपा-माकपा वाम एकता के साथ चुनावी दंगल में उतरना चाहती है. इसके लिए भाकपा और माकपा के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है. भाकपा माले ने क़रीब 100 सीटों पर, भाकपा ने 54 सीटों पर और माकपा ने 25-35 सीटों पर तैयारी शुरू कर दी है. क़रीब-क़रीब तीनों पार्टियों ने उम्मीदवारों के नाम पर मोटे तौर पर मोहर लगा दी है. इस बार के विधानसभा चुनाव में भाकपा के तीन में दो विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह और रामविनोद पासवान चुनावी दंगल में नहीं उतरेंगे, ऐसा पार्टी सूत्रों का कहना है. वहीं भाकपा माले विधायक अमरनाथ यादव की सीट सुरक्षित हो जाने के कारण उनकी उम्मीदवारी पर भी संशय है.
पिछले दिनों भाकपा राज्य कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश की कुल 243 विधानसभा सीटों में से 54 पर क़िस्मत आजमाने का निर्णय लिया गया. इन सीटों के लिए उम्मीदवार तलाशने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है. हालांकि प्रथम श्रेणी की 18 सीटों के लिए उम्मीदवारों की तस्वीर भी क़रीब-क़रीब साफ हो गई है. सूत्रों के अनुसार कार्यकारिणी में गहन विचार विमर्श के बाद 54 सीटों को चिह्नित किया गया है. इनमें से 18 सीटों पर तैयारी शुरू कर देने का निर्देश संबंधित ज़िलों को दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार पार्टी ने चयनित 54 विधानसभा सीटों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है. तीनों श्रेणियों में 18-18 सीटों को शामिल किया गया है. इसमें प्रथम श्रेणी की सीट है बेगूसराय ज़िले की तेघड़ा, बछबाडा, मटिहानी, बखरी, मधुबनी ज़िले की हरलाखी, खजौली, विस्फी, खगड़िया की बेलदौर, गया की गया शहर, बांका ज़िले की बांका, धुरैया, औरंगाबाद की गोह, पूर्वी चंपारण की मीनापुर, समस्तीपुर की समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण की केसरिया, सहरसा की सिमरी बख्तियारपुर, नालंदा की इस्लामपुर और भागलपुर की कहलगांव है. इसके अलावा पीरपैंती, शंकरपुर, रफीगंज और गोपालपुर को भी प्रथम श्रेणी में शामिल करने की मांग सदस्यों ने उठाई है. प्रथम श्रेणी की चयनित 18 सीटों में से तीन पर वर्तमान में भाकपा का क़ब्ज़ा है. साथ ही अन्य सीटों पर पिछले चुनावों में पार्टी के उम्मीदवार दूसरे या तीसरे स्थान पर रहे. माना जा रहा है कि हर हाल में पार्टी इन सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. भाकपा ने अपने कोटे की सभी सीटों की सूची माकपा को उपलब्ध करा दी है. इन सीटों पर जल्द ही दोनों पार्टियों के नेताओं की अगली बैठक होगी. जिसमें सीटों के आदान-प्रदान पर चर्चा होगी.
सूत्रों के अनुसार तेघड़ा से रतन सिंह, बखरी से विधायक सूर्यकांत पासवान, बछबाड़ा से पूर्व विधायक अवधेश राय, मटिहानी से पूर्व विधायक राजेंद्र राजन, हरलाखी से विधायक रामनरेश पांडे, विस्फी से हेमचंद्र झा, खजौली से रामनारायण बनरैत और अमीरूद्दीन, बेलदौर से पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह, गया शहर से पूर्व सांसद जलालुद्दीन अंसारी, बांका से पूर्व विधान पार्षद संजय कुमार, कहलगांव से पूर्व विधायक अंबिका प्रसाद, इस्लामपुर से राकेश रौशन, धुरैया से पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुन्नीलाल पासवान, सिमरी बख्तियारपुर से ओमप्रकाश संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं. भाकपा कभी विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल की हैसियत रखती थी. भाकपा पंद्रहवीं विधानसभा चुनाव में अधिक से अधिक संख्या में लोगों को विधानसभा भेजने की तैयारी में जुटी हुई है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एबी बर्द्धन जनवरी से अब तक चार बार बिहार के दौरे पर आ चुके हैं. इसके अलावा लोकसभा में पार्टी के नेता गुरुदास गुप्ता, राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान, अमरजीत कौर आदि नेता भी कई सभाओं को संबोधित कर चुके हैं. भाकपा माले ने भी अपनी चुनाव तैयारी शुरू कर दी है. इसी के मद्देनज़र 30 मार्च को राजधानी में पार्टी की बड़ी रैली और 10 मई को किसानों का राष्ट्रीय सम्मेलन पटना में आयोजित किया गया. माले विधानसभा चुनाव में क़रीब एक सौ सीटों पर प्रत्याशी उतारने जा रही है. पार्टी की स्थायी समिति ने संभावित सीटों के साथ-साथ उम्मीदवारों की सूची भी तैयार कर ली है. इसके साथ ही संभावित उम्मीदवारों को अपने-अपने चुनावी क्षेत्र में तैयारी शुरू करने का निर्देश भी दे दिया गया है. विधानसभा में जन समस्याओं को जोरदार तरीक़े से उठाने वाले माले सदस्य अमरनाथ यादव का विधानसभा क्षेत्र दरौली आरक्षित हो गया है. इसी चलते माले अपने चर्चित विधायक को फिर से विधानसभा पहुंचाने के लिए सीट खोजने में जुटी हुई है. माले अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में चुनावी मैदान के पुराने खिलाड़ियों के साथ-साथ नए खिलाड़ियों को उतारने की कोशिश करेगा. इसके लिए भी प्रयास शुरू है. आधी अबादी की सीट शशि यादव, माधवी सरकार, सहित कई चर्चित महिला नेत्री भरेगी. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, पार्टी के प्रदेश सचिव नंद किशोर प्रसाद, किसान नेता राजाराम सिंह, मज़दूर नेता धीरेंद्र झा, महिला नेत्री सरोज चौबे सहित पार्टी के सभी बड़े नेता और विभिन्न जन संगठनों के पदाधिकारी चुनाव तैयारी में लग चुके हैं. इन लोगों का कार्यक्रम हर विधानसभा में चालू है.
उधर, माकपा के केंद्रीय नेतृत्व ने हिंदी भाषी क्षेत्र में अपनी मज़बूत उपस्थित दर्ज़ करने के लिए बिहार विधानसभा चुनाव पर पूरा ध्यान केंद्रीत कर दिया है. यही कारण है कि पार्टी पोलित व्यूरो सदस्य एवं सांसद श्रीमती वृंदा करात, पूर्व सांसद एवं किसान नेता एस रामचंद्र पिल्लै जनवरी से अबतक कई बार प्रदेश के दौरे पर आ चुके हैं. यह सभी दौरा चुनावी तैयारी को लेकर ही किया गया है. केंद्रीय पार्टी ने भीतर ही भीतर बिहार में पार्टी को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी श्रीमती वृंदा करात को सौंप दी है.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी 25-35 विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेगी. मज़बूत जनाधार वाली सीटों का चयन भी कर लिया गया है. साथ ही उम्मीदवारों का चयन जारी है. माकपा अपनी चयनित सीटों की सूची भाकपा को सौंप दी है. माकपा नेताओं का कहना है कि पार्टी किसी भी हालत में विधानसभा चुनाव में राजद, लोजपा, कांग्रेस आदि पूंजीपति पार्टियों के साथ समझौता नहीं करेगी. इसका संकेत श्रीमती करात भी दे चुकी हैं. पार्टी ने चुनाव के मद्देनज़र आंदोलन भी तेज़ कर दी है. इसी का परिणाम है कि सीतामढ़ी ज़िले के रून्नीसैदपुर प्रखंड मुख्यालय में क़रीब ग्यारह सौ झोपड़ियों का निर्माण माकपा के नेतृत्व में कराया गया. इसके अलावा 14 जून को पटना में किसानों की रैली. इसे पहले छात्रों-नौजवानों की रैली आयोजित की गई. कहा जा सकता है माकपा विधानसभा चुनाव में अपनी मज़बूत स्थिति दर्ज़ कराने के लिए पूरी दमखम के साथ जुटी है. पार्टी के सचिव विजयकांत ठाकुर विधानसभा चुनाव की तैयारी में दिन-रात एक किए हुए हैं.
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