Sunday, April 6, 2014

आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को आम आद्म्मी पार्टी के बेगुसराय लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार अरुण कुमार का पत्र

माननीय स्दस्यगण
आम आदमी पार्टी  केंद्रीय शीर्ष नेतृत्व 
आम आदमी पार्टी केंद्रीय कार्यालय दिल्ली 

महोदय,
विगत ४ अप्रैल को मेरा नाम बेगुसराय के लोकसभा सीट के लिये  फाइनल लिस्ट में आया . उसके पूर्व १३ वीं लिस्ट में डाक्टर जमशेद ए कैसर साहब का नाम आया था . उन्होंने बाद में चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया. मालूम हो कि बेगुसराय का टिकट  निर्धारित करने में कुल मिला कर इतनी देरी हुई कि सारा माहौल ही विरल हो गया. जनवरी से ले कर फरवारी-मार्च तक तकरीबन दस हज़ार सदस्य पार्टी के बने थे, ऐसी मुझे सूचना है. मगर टिकट के अनिर्णय की वजह से सभी सदस्य शिथिल हो कर बैठ से गए, उनका उत्साह ढंडा पढ़ता गया. और धीरे-धीरे पार्टी के पक्ष में जो हवा जिले में बनी थी वो कायम नहीं रह सकी. निर्णय की देरी ने अपने लोगों के दिमाग में पचासों तरह के प्रश्न और शंकाए पैदा कर दी जिससे कि वे और दिगभ्रमित होते चले गए.

पार्टी नेतृत्व ने शुरू में ही किसी मुस्लिम को टिकट देने की बात सोची थी चुनाव की दृष्टि से यह एक अच्छा निर्णय था. मगर पार्टी की दीर्घ सूत्रता से इस मौके का फायदा राजद नेतृत्व ने उठा लिया और उसने बहुत पहले एक साफ सुथरी छवि वाले मुस्लिम तनवीर हसन का नाम घोषित कर दिया और आम आदमी पार्टी के हाथ से ये पहल छिन गई. हमें ठीक उसी वक्त अपनी इस गलती का सुधार कर लेना था और किसी साफ सुथरी छवि वाले किसी गैर अल्पसंख्यक को अपना उम्मीदवार घोषित कर देना चाहिए था और मुस्लिम समुदाय के बीच पार्टी की पहुँच कायम रखने की नीयत से किसी अल्पसंख्यक उम्मीदवार को मोहतरमा परवीन अमानुल्ला द्वारा खाली की गई साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट से नामित कर देना था ताकि मुसलमान मतदाताओं के बीच हमारी भी जगह बनी रहती मगर अफ़सोस के साथ कहना पड़ता के आज तक ऐसा नही किया गया. पार्टी की यह दूसरी अफ़सोसनाक गलती थी/है. ४ अप्रैल से जब से मेरा नाम लोकसभा उम्मीदवार के तौर पर घोषित हुआ आम आदमी पार्टी के अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं और समर्थकों का फ़ोन आने का अंतहीन सिलसिला शुरू हुआ. मुझे यह भी बताया गया कि साहेबपुर कमाल विधानसभा के लिए पार्टी का उम्मीदवार नामित करने का सर्वाधिकार मोहतरमा परवीन अमानुल्लाजी के पास सुरक्षित है.

अब आइये बेगुसराय में पार्टी के संगठन की बात करें. जब ४ अप्रैल को मेरे नाम कि घोषणा कर दी गई उसके बाद भी मैंने इस बाबत कोई खबर बेगुसराय के अखबारों के ५ अप्रैल के संस्करण में नहीं पायी. तब जाकर मैंने बेगुसराय के कुछ पत्रकार मित्रों से बात की तो पता चला कि उन्हें इसकी सूचना तक नही है. पार्टी कार्यालय की ओर से कोई इस सम्बंध में कोई विज्ञप्ति तक जारी नही की गई थी. फिर मैंने बेगुसराय आप कार्यालय के मीडिया प्रभारी विरेन्द्र साहू से बात की. उन्होंने बताया कि किसी ने उन्हें इस आशय की प्रेस विज्ञप्ति जरी करने की सलाह नहीं दी. इस लिए इस बाबत प्रेस विज्ञप्ति नहीं जारी की गई. उन्होंने कहा कि जब अब आप कह रहे हैं तो मैं आज (५ अप्रैल)को जारी कर दूंगा. यह तो है बेगुसराय आप कार्यालय के रिफ्लेक्स के अभाव का नमूना.

एक-आध कार्यकर्ताओं ने मुझे बताया कि पार्टी का अपना कार्यालय तो है मगर वहां न तो इनके पास कोई लैटर पैड है न तो कोई व्यवस्था जिससे दिन प्रतिदिन का कार्यालयीन काम चलाया जा सके. इसका कारण उन्होंने पैसे की कमी बताई. यदि जिले के दस हज़ार सदस्यों से एक एक रूपया भी इकट्ठा कर लिया गया होता तो स्टेशनरी की कमी की यह नौबत नहीं आती और कार्यालय का काम बंद नही होता.

अरविन्द केजरीवाल, मेधा पाटकर, प्रोफ़ेसर आनंद कुमार, सोनी सोरी, हिमांशु कुमार जैसे लोगों वाली पार्टी पर अचानक अविश्वास करने का कोई कार्य-कारण का संबंद्ध नहीं बनता. पार्टी नई है. इसके कुछ टीथिंग प्रॉब्लम स्वाभाविक है. बेगुसराय में ही नहीं पूरे बिहार के सभी जिलों से लेकर राज्य स्तर पर बहुत सुधार की ज़रुरत है, मगर २ दिनों के अन्दर मैंने यह महसूस किया कि इस रैग-टैग संगठन के भरोसे बेगुसराय जैसे बड़े लोकसभा क्षेत्र जिसमे ७ विधानसभाएँ आती हैं यह चुनाव सफलता पूर्वक नहीं लड़ा जा सकता. और अगर लड़ा भी गया तो वह सिर्फ एक औपचारिकता भर होगी. इसलिए मैंने अपने तई अपना नामांकन नहीं दाखिल करने का निर्णय लिया है जिसकी सूचना मै केंद्रीय नेतृत्व को दे रहा हूँ. बेहतर है कि अगले चुनाव की तैयारी की जाय और पार्टी को बेहतर रूप से संगठनात्मक रूप से तैयार किया जाय. इस दिशा में पार्टी को मेरा पूर्ण सहयोग मिलेगा.

साभिवादन,
अरुण कुमार, उम्मीदवार बेगुसराय लोकसभा क्षेत्र
(आम आदमी पार्टी)
ईमेल: karunpatna@gmail.com
मोबाइल: 09430619508

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