बस्तर में जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, एक बड़ी लड़ाई
का माहौल बनता जा रहा है।
एक तरफ हज़ारो की तादाद में अर्ध सैनिक बलों और
19 हेलीकाप्टरों की तैनाती की जा रही है तो दूसरी ओर माओवादियों के तरफ से
रोज़ पर्चे फेके जा रहे हैं जिसमे आम जनता से चुनाव बहिस्कार की अपील की जा
रही है। सब के बीच में सभी प्रत्याशियों के समर्थक अपने अपने पक्ष में
ज्यादा से ज्यादा वोट जुटाने के लिए प्रयासरत हैं।
इस दौरान वे चित्रकोट
विधानसभा स्थित पार्टी कार्यालय भी गये और कार्यकर्ताओं के संग संवाद
किया।
प्रेस वार्ता में प्रशांत भूषण ने कहा कि आम तौर पर अब तक के चुनावों में जनता के सामने टाटा-अम्बानी आदि की ग़ुलाम पार्टियों का ही विकल्प होता था, लेकिन इस बार स्थिति बदली है।
इस चुनाव को उन्होंने छत्तीसगढ़ और बस्तर के
लिए अहम् करार देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के किसान आदिवासियों से उनका
जल-जंगल-जमीन छीनकर कार्पोरेट को दे दिया गया, अहिंसक आंदोलनकारियों को
माओवादी बोल कर राज्य द्वारा प्रताड़ित किया गया, इसे बंद कराने के लिए ही
सोनी सोरी आज मैदान में हैं।
सरकार को माओवाद के विस्तार की वजह बताते हुए
उन्होंने कहा कि शांतिप्रिय आदिवासी जनता को नाहक इतना प्रताड़ित किया गया
है कि उनमे से कुछ ने आत्मरक्षार्थ बंदूकें उठा ली हैं। उन्होंने कहा कि
हिंसा और माओवाद का मूल कारण सरकार की भ्रस्ट नीतियां हैं।
साफ पानी, बिजली, आवास, से लेकर उन्होंने फर्जी मुकदमों में फसा कर
जेल में डाल दिए गये हज़ारों आदिवासियों के लिए संघर्ष करने का भरोसा दिया
और इस संघर्ष को उन्होंने आसन्न लोकसभा चुनाव में अपनी हार जीत से परे
बताया।
मीडिया और स्थानीय
जनता में मिल रहे समर्थन ने पहली बार ऐसे हालात पैदा किये हैं कि राज्य के
मुख्यमंत्री को बस्तर में ३ दिन तक कैम्प करना पड़ा है। पार्टी नेताओं संग
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कल केवल जगदलपुर में तीन सभाएं की और सोमवार और
मंगलवार को भी अन्य सभाएं प्रस्तावित हैं।
वहीँ दूसरी और भाजपा और कांग्रेस ने अब भी केवल आपसी आरोप
प्रत्यारोप की स्थिति बनाने की पूरी कोशिश की है और प्रत्याशियों के चयन
में अपने आलाकमान की नक़ल करते हुए बस्तर लोकसभा सीट से परिवारवाद को ही आगे
बढ़या है।
ऐसे में, सोनी सोरी द्वारा बस्तर के जरूरी सवालों को उठाना
प्रचलित राजनीति के विरुद्ध विचारधारा की राजनीति करने की चुनौती के रूप
में है जिससे, भविष्य में बस्तर की स्थति बदलने की उम्मीद जगती है।
एकता और रवि शेखर,
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