Tuesday, June 16, 2015

जब दो बदमाशों के बीच झड़प होती है तो इसी तरह की नोंकझोंक चलती है । ज्यादा नहीं बोलो वर्ना तुम्हारी पोल खोल दूंगा ।

आईपीएल घोटाले के आरोपी पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को पुर्तगाल का वीजा दिलवाने में मददगार बनी भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस समय खुद आरोपों के बड़े घेरे में फंसती नजर आ रही हैं । सुषमा अपने पक्ष में मानवता को आधार बना रहीं हैं तो उनके दल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उनके बचाव में मर चुके एंडरसन को याद कर रहे हैं। सुषमा के बचाव में उतरे शाह ने कोई वैधानिक दलील रखने के बजाय कांग्रेस पर निशाना लगाते हुए यह कहा कि इन्होने क्वात्रोवी और एंडरसन को भगा दिया था । दरअसल यह जवाब नहीं बेईमानी की भाषा है । जब दो बदमाशों के बीच झड़प होती है तो इसी तरह की नोंकझोंक चलती है । ज्यादा नहीं बोलो वर्ना तुम्हारी पोल खोल दूंगा । इस सवाल का जवाब कांग्रेस को नहीं अब देश को चाहिए । यदि कोई चिकित्सक पुलिस की गोली से घायल फरार डकैत की जान बचाने के लिए चोरी छिपे उसका ऑपरेशन कर गोली निकालता है तो कानून की नजर में उसका ऐसा कृत्य मानवता होगा या आपराधिक कदाचरण ? सुषमा जी अभी तक आप दूसरों की पगड़ी उछालती रहीं हैं । अब आपकी बारी है । जरा सी भी नैतिकता होती तो पहले ही इस्तीफा दे दिया होता । By Ajai Khare





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