पहली बात - गो वध या भक्षण को महिमा मण्डित नही किया जाना चाहिए । भारत में तो कतई नहीं ।
2सरी बात - गो वध या भक्षण के अपराध या सन्देह में किसी को मार डालना न तो संविधान सम्मत है , न धर्म सम्मत और न नीति सम्मत ।
3सरी बात - गो मांस भक्षण को पर्व या समारोह की तरह आयोजित करना निसन्देह चिढ़ाने की कार्रवाई और पिटने की उम्मीदवारी है ।
4थी बात - मैं धर्म को नहीं मानता , लेकिन दूसरों के धर्म स्थल में जाकर मूतूं , तो जुतियाये जाने का पूरा हक़दार हूँ ।
और आख़री बात - भारत में अभी भी दलित और अल्प संख्यक भेद भाव एवं द्वेष का शिकार हैं । इस लिए उनमे से कुछ मौक़ा मिलते ही अपनी कुंठा निकालने हेतु उलजुलूल हरकतें कर बैठते हैं । उनके कृत्यों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए । सबको सम्मान और बराबरी का दर्ज़ा मिलने तक अमुक उत्पात होते रहेंगे ।
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Tuesday, January 19, 2016
Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna 4 hrs · पहली बात - गो वध या भक्षण को महिमा मण्डित नही किया जाना चाहिए । भारत में तो कतई नहीं । 2सरी बात - गो वध या भक्षण के अपराध या सन्देह में किसी को मार डालना न तो संविधान सम्मत है , न धर्म सम्मत और न नीति सम्मत । 3सरी बात - गो मांस भक्षण को पर्व या समारोह की तरह आयोजित करना निसन्देह चिढ़ाने की कार्रवाई और पिटने की उम्मीदवारी है । 4थी बात - मैं धर्म को नहीं मानता , लेकिन दूसरों के धर्म स्थल में जाकर मूतूं , तो जुतियाये जाने का पूरा हक़दार हूँ । और आख़री बात - भारत में अभी भी दलित और अल्प संख्यक भेद भाव एवं द्वेष का शिकार हैं । इस लिए उनमे से कुछ मौक़ा मिलते ही अपनी कुंठा निकालने हेतु उलजुलूल हरकतें कर बैठते हैं । उनके कृत्यों को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए । सबको सम्मान और बराबरी का दर्ज़ा मिलने तक अमुक उत्पात होते रहेंगे ।
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