फाइलें सार्वजनिक होने पर पात्रा जी ने यह अद्भुत खुलासा किया है कि नेता जी का पूरा नाम सुभास चन्द्र बोस था । लेकिन यह नहीं बताया कि आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के सेनानियों पर चले राजद्रोह के मुक़द्दमे की पैरवी के लिए जवाहर लाल नेहरू जीवन में पहली बार और आखिरी बार एक वकील के रूप में कोर्ट में पेश हुए । और यह तो शायद एक मामूली सी बात है कि आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के सभी सैनिकों को स्वतन्त्र भारत की सरकार ने स्वाधीनता सेनानी का ओहदा दे , पेंशन शुरू की , जो आज भी बरक़रार है ।
BiharWatch, Journal of Justice, Jurisprudence and Law is an initiative of Jurists Association (JA), East India Research Council (EIRC), Centre for Economic History and Accountability (CEHA) and MediaVigil. It publishes follow up research on the performance of just and unjust formal and informal anthropocentric institutions and their design crisis.
Sunday, January 24, 2016
Rajiv Nayan Bahuguna Bahuguna 23 hrs · फाइलें सार्वजनिक होने पर पात्रा जी ने यह अद्भुत खुलासा किया है कि नेता जी का पूरा नाम सुभास चन्द्र बोस था । लेकिन यह नहीं बताया कि आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के सेनानियों पर चले राजद्रोह के मुक़द्दमे की पैरवी के लिए जवाहर लाल नेहरू जीवन में पहली बार और आखिरी बार एक वकील के रूप में कोर्ट में पेश हुए । और यह तो शायद एक मामूली सी बात है कि आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के सभी सैनिकों को स्वतन्त्र भारत की सरकार ने स्वाधीनता सेनानी का ओहदा दे , पेंशन शुरू की , जो आज भी बरक़रार है ।
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