Sunday, March 16, 2014

ड्रोन,प्रिज्म,आधार के बाद अब नेत्र।भारत सरकार पल पल भारतीय नागरिकों को निर्वस्त्र कर रही है और अमेरिका,कारपोरेट कंपनियों के साथ ही अपराधी गिरोहों के साथ निजी गोपनीय तथ्य साझा करके सबकी जान माल को जोखिम में डाल रही है।

ड्रोन,प्रिज्म,आधार के बाद अब नेत्र।भारत सरकार पल पल भारतीय नागरिकों को निर्वस्त्र कर रही है और अमेरिका,कारपोरेट कंपनियों के साथ ही अपराधी गिरोहों के साथ निजी गोपनीय तथ्य साझा करके सबकी जान माल को जोखिम में डाल रही है।

Government to launch internet spy system 'Netra' soon




पलाश विश्वास
आज का संवाद
ड्रोन,प्रिज्म,आधार के बाद अब नेत्र।भारत सरकार पल पल भारतीय नागरिकों को निर्वस्त्र कर रही है और अमेरिका,कारपोरेट कंपनियों के साथ ही अपराधी गिरोहों के साथ निजी गोपनीय तथ्य साझा करके सबकी जान माल को जोखिम में डाल रही है। लेकिन भारतीय मेधा तबके को इसपर कोई एतराज नहीं।जनपक्षधरता के मोर्चे के लिए भी नागरिक संप्भुता कोई मुद्दा है  ही नहीं।किसी कारणवश आपकी बोलती अभी बंद हुई नहीं है तो तुरंत लिखें।

विषय विस्तार से पहले एक शोक संदेश। हमारे उत्तराखंड वाहिनी के पुराने साथी और सत्तर के दशक में अल्मोड़ा के छात्र संघ अध्यक्ष पीसी तिवारी की पत्नी का अल्मोड़ा जिला अस्पताल में दिल का पहला दौरा पड़ने के बाद गैस का इंजेक्शन दिये जाने की वजह से उसी दिन दिल का दूसरा दौरा पड़ने से आकस्मिक निधन हो गया।जिस दिन यह हादसा हुआ पीसी दिल्ली में थे।पिछली ही रात जब वे अल्मोड़ा में थे,उनसे हमारी पहाड़ के हालात पर लंबी बात हुई थी।आज नैनीताल समाचार का ताजा अंक मलने पर उसमें प्रकाशित लेख के बारे में बातचीत करने के लिए समाचार को फोन लगाया तो बागेश्वर में महशदाज्यू मिले।उन्होंने ही इस हादसे की खबर दी।फौरन पीसी को फोन लगाया तो वहा सोमेश्वर से मोहन कपिलेश भोज भी आये हुए थे। हमारी मजबूरी देखिये कि हम चाहकर भी उनके साथ खड़े नहीं हो सकते।पीसी और उनके परिवार के साथ जो हुआ,संजोग से वह पूरे पहाड़ का रोजनामचा है।हम क्या कहें,पीसी ने हमारे पहाड़ छोड़ने के बाद शादी की तो हम फिर अल्मोड़ा जो ही नहीं सकें।हमसे मुलाकात किये बिना हमारी भाबी चली गयीं।

मीडिया विशेषज्ञ जगदीश्वर चतुर्वेदी ने अपने फेसबुक वाल पर चुनाव आयोग के गुगल से हुए समझौते के प्रति आगाह करते हुए इसके पुरजोर विरोध करने की अपील जारी कर दी है।उनका आभार। नागरिकों की गोपनीयता और निजता भंग करने में भारत सरकार की सबसे बड़ी भूमिका है।भारतीय राजनयिक को निर्वस्त्र करने के विरुद्ध भारत सरकार ने बाकायदा अमेरिका के विरुद्ध राजनयिक युद्ध छेड़ दिया है। लेकिन अमेरिका की ओर से भारतीय नागरिकों की भारत में ही खुफिया निगरानी प्रिज्म के  मामले का खुलासा होने के मामले  में भारत सरकार ने कोई कार्रवाई की हो तो बतायें। बायोमेट्रिक डिजिटल खुफिया निगरानी का यह सिलसिला आधार केंद्रित है,लेकिन जगदीश्वर जी ने इसका कोई विरोध अभीतक किया हो,ऐसा हमें कोई जानकारी नहीं है। पल पल भारतीय नागरिकों को निर्वस्त्र कर रही है भारत सरकार और आंकड़े सीआईए नाटो पेंटागन कारपोरेट कंपनियों से लेकर अपराधी गिरोहों के साथ साझा किये जा रहे हैं।अब चुनाव आयोग के सारे तथ्य सीआईए समेत अमेरिकी एजंसियों को सौंपे जाने हैं। अमेरिकी निगरानी काफी नहीं है और अब अगर आप ट्वीट, ईमेल, ब्लॉग आदि में बम्ब, अटैक, ब्लास्ट या किल जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि ऐसे शब्द आपको सुरक्षा एजेंसयों की निगरानी में ला सकते हैं और इसके लिए सरकार जल्दी ही इंटरनेट खुफिया प्रणाली नेत्र शुरू करने वाली है जो आपत्तिजनक शब्दों को पता लगाने में सक्षम होगी।

गृह मंत्रालय नेत्र को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है। सभी सुरक्षा एजेंसयां इसे लागू करेंगी ताकि ट्वीट, ईमेल, स्टैटस अपडेट, स्काइप या गूगल टॉक जैसे साफ्टवेयरों के जरिए गुजरने वाले शब्दों को पकड़ा जा सके। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के तहत आने वाली प्रयोगशाला सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेंलीजेंस एंड रोबोटिक्स (सीएआईआर) इस प्रणाली को विकसित कर रही है।कैबिनेट सचिवालय, गृह मंत्रालय, डीआरडीओ, सीएआईआर, खुफिया ब्यूरो, सी़डॉट और सीईआरटी इन ने हाल ही में नेत्र तैनात करने की रणनीति पर विचार किया है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि नेत्र के लागू हो जाने पर सुरक्षा एजेंसियों को संदिग्ध लोगों और संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी।

The group also chalked-out a strategy on how to deal with computer security incidents, track system vulnerabilities and promote effective IT security practices across the country. Reuters

Beware! Use of words like 'attack', 'bomb', 'blast' or 'kill' in tweets, status updates, emails or blogs may bring you under surveillance of security agencies as the government will soon launch 'Netra', an internet spy system capable of detecting malafide messages.
The Home Ministry is giving finishing touches to 'Netra', which will be deployed by all security agencies to capture any dubious voice traffic passing through software like Skype or Google Talk, besides write-ups in tweets, status updates, emails, instant messaging transcripts, internet calls, blogs and forums.
The 'Netra' internet spy system has been developed by Centre for Artificial Intelligence and Robotics (CAIR), a lab under Defence Research and Development Organisation (DRDO).
"The specifications of the 'Netra' system can be taken as frozen following tests by the Intelligence Bureau and Cabinet Secretariat, and can be considered for providing multiple user access to security agencies," a Home Ministry note on Netra says.
An inter-ministerial group, comprising officials of the Cabinet Secretariat, Home Ministry, DRDO, CAIR, Intelligence Bureau, C-DoT and Computer Emergency Response Team (CERT-In) recently have discussed the deployment strategy of 'Netra'.
The group also chalked-out a strategy on how to deal with computer security incidents, track system vulnerabilities and
promote effective IT security practices across the country.
"When Netra is operationalised, security agencies will get a big handle on monitoring activities of dubious people and organisations which use internet to carry out their nefarious designs," a government official said.
The inter-ministerial group favoured allocation of 300 GB of storage space to a maximum of three security agencies, including the Intelligence Bureau and Cabinet Secretariat, for intercepted internet traffic and an extra 100 GB would be assigned to the remaining law enforcement agencies.

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