Friday, October 9, 2015

शाहजहांपुर दलित उत्पीड़न : हक रक्षक दल द्वारा सीबीआई जांच के साथ उत्पीड़ितों के ताउम्र पुनर्वास व संरक्षण की मांग!

शाहजहांपुर दलित उत्पीड़न : हक रक्षक दल द्वारा सीबीआई
जांच के साथ उत्पीड़ितों के ताउम्र पुनर्वास व संरक्षण की मांग!

हक रक्षक दल सामाजिक संगठन के राष्ट्रीय पमुख डॉ. पुरुषोत्तम मीणा की ओर से दि. 09.10.2015 को भारत के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम निम्न पत्र लिखा गया है:—

1. माननीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार, नयी दिल्ली|
2. माननीय मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ|

विषय : उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में दलित महिला-पुरुषों के साथ अमानवीय, अपमानकारी और मानवता को शर्मसार कर देने वाले जातिगत कुकृत्य की सीबीआई जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त दण्डात्मक कार्यवाही करने और ऐसे मामलों में कानून में बदलाव किये जाने के सम्बन्ध में|

सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध फोटो और वीडियो तथा प्रिंट मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश प्रान्त के शाहजहांपुर जिले में मनुवादी मानसिकता के लोगों ने दलित महिलाओं और पुरुषों को स्थानीय पुलिस के प्रत्यक्ष सहयोग से सरेआम जातिगत विद्वेष के घृणिततम तरीके से अपमानित किया, मारपीट की गयी और उनको सारेराह नंगा करके सड़क पर घुमाया गया| उनके कपड़े तक नहीं लौटाये गये| मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह घटना उस राज्य में घटित हुई है, जहां से प्रधानमंत्री खुद निर्वाचित हुए हैं|
भारतभर में लगातार दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढती जा रही हैं| मनुवादी मानसिकता के लोगों और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जैसे आर्य संगठनों द्वारा, कथित धर्माधिकारियों और मुनवादी संत महात्माओं द्वारा लगातार देशभर में कथित धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं| इन सभी आयोजनों में-

1. संविधान के विपरीत वर्णभेद, वर्गभेद, जातिभेद, लिंगभेद और जन्मजातीय श्रेृष्ठता को बढावा देने वाले व्याख्यान दिये जाते हैं| और
2. संविधान के विपरीत वर्णभेद, वर्गभेद, जातिभेद, लिंगभेद और जन्मजातीय श्रेृष्ठता को बढावा देने वाले कथित धर्मग्रंथों का सार्वजनिक रूप से पठन-पाठन-गायन किया जाता है| 
उक्तानुसार कथित धार्मिक आयोजनों का छद्म मकसद आर्यों की मनुवादी अमानवीय और कट्टर हिन्दूवादी व्यवस्था को बढावा देकर, हिन्दू धर्म के अनुसार निम्नवर्णीय अनार्य-दलित-आदिवासियों-पिछड़ों को अपमानित और जलील करना होता है| ऐसे आयोजन ब्राह्मणवादी जन्मजातीय श्रृेष्ठता को फिर से स्थापित करने के लिये ही आयोजित किये जाते हैं| इन आयोजनों के मार्फत निम्नवर्णीय जातियों के लोगों और विशेषकर निम्नवर्णीय स्त्रियों के प्रति अपमानकारी लैंगिक विभेद को बढावा देने वाली बातों को धर्म के नाम पर सार्वजनिक रूप से कथित संत-महात्माओं द्वारा प्रचारित और प्रसारित किया जाता है| जिससे उच्चवर्णीय लोग, निम्नवर्णीय लोगों के साथ कथित धार्मिक आचरण/अधिकार के नाम पर शाहजहांपुर में घटित घटनाओं को अंजाम देकर अपनी जन्मजातीय धार्मिक श्रेृष्ठता का परिचय देते हैं|
उपक्तानुसार आपकी जानकारी में लाकर इस संगठन के लाखों अनार्य सदस्यों/समर्थकों की ओर से आग्रह है कि-

1. संविधान के प्रावधानों के विपरीत धर्म के नाम पर मूल अधिकारों और मानवता को कुचलने वाले कथित धार्मिक ग्रंथों के प्रकाशन, विक्रय और पठन-पाठन-गायन को आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध घोषित किया जावे|
2. उक्त घटना की सीबीआई जांच करवाई जाकर सभी दोषियों को कठोरतम सजा दिलवाई जाना सुनिश्‍चित किया जावे|
3. उपरोक्त घटना में पीड़ित प्रत्येक स्त्री-पुरुष के सम्पूर्ण सामाजिक पुनर्वास सहित उनके सपरिवार आजीवन संवैधानिक संरक्षण हेतु सरकारी खर्चे पर सम्पूर्ण स्थायी व्यवस्था करवाई जावे| और
4. कानून में इस प्रकार का बदलाव किया जावे कि भारत में उक्त घटना अन्तिम घटना सिद्ध हो सके|
कृपया इस विषय में की गयी कार्यवाही से तत्काल निम्न हस्ताक्षरकर्ता को अवगत करवाने का कष्ट करें|———डॉ. पुरुषोत्तम मीणा, राष्ट्रीय प्रमुख, 9875066111

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments: