Sunday, September 6, 2015

बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ कांड की सातवीं बरसी पर रिहाई मंच करेगा सेमिनार

RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
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बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ कांड की सातवीं बरसी पर रिहाई मंच करेगा सेमिनार
'सरकारी आतंकवाद और वंचित समाज' पर व्याख्यान देंगे प्रो. शमशुल इस्लाम

लखनऊ, 06 सितंबर 2015। बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ कांड की सातवीं बरसी पर
19 सितंबर, शनिवार को यूपी प्रेस क्लब, लखनऊ में आयाजित होने वाले
सेमिनार की तैयारी को लेकर लाटूश रोड स्थित रिहाई मंच कार्यालय में एक
बैठक हुई। संगोष्ठी का विषय 'सरकारी आतंकवाद और वंचित समाज' तय किया गया।
सेमिनार को सांप्रदायिक राजनीति के मुखर विरोधी, मशहूर रंगकर्मी,
इतिहासकार व दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शमशुल इस्लाम द्वारा
संबोधित किया जाएगा।

रिहाई मंच कार्यालय पर आयोजित बैठक में वक्ताओं ने कहा कि इस दौर में जब
दलित, आदिवासी और देश के अल्पसंख्यक तबके पर हिन्दुत्ववादी राजनीति
द्वारा चैतरफा हमले किए जा रहे हैं और मोदी सरकार के केन्द्र की सत्ता
में आने के बाद जिस तरह से इनमें अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है, उसे
देखते हुए इस दिन को हमें प्रतिरोध के एक दिन के बतौर देखना चाहिए। विगत
वर्षों की तरह इस साल भी बाटला हाउस फर्जी मुठभेड़ कांड की सातवीं बरसी
पर फासीवादी ताकतों के खिलाफ यह जन एकजुटता लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा
के प्रति जारी हमारी लड़ाई और वचनबद्धता को और मजबूत करेगी। वक्ताओं ने
कहा कि दाभोलकर, पनसरे की हत्या के बाद पिछले दिनों जिस तरह से कन्नड़
लेखक प्रो एमएम कालबर्गी की हत्या की गई वह पूरे तर्कशील समाज को खत्म
करने की फासीवादी कोशिश है। वक्ताओं ने महाराष्ट्र की भाजपा सरकार द्वारा
जनप्रतिनिधियों की आलोचना, उनके खिलाफ बोलने व लिखने पर देशद्रोह लगाने
संबंधी शासनादेश का तीखा विरोध करते हुए इसे फासीवादी हिन्दुत्व का
लोकतंत्र पर हमला करार दिया। देश में बढ़ रही सांप्रदायिक हिंसा और ऐसे
दौर में जबकि फासीवादी ताकतों के निशाने पर वंचित समाज है ऐसे दौर में
उसके मूल सवाल और राजनीति में उन पर बहस का दायरा क्या होगा, पर विस्तृत
चर्चा की जाएगी।

रिहाई मंच नेता हरे राम मिश्र ने समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा
सांप्रदायिक और भड़काऊ पोस्टों की सूचना के लिए जारी किए गए व्हाट्स एप
नंबर को महज एक धोखा बताते हुए कहा कि यह सरकार असल में सांप्रदायिक
तत्वों का संरक्षण कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सच में इस दिशा
में तनिक भी गंभीर होती तो मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा के बाद भाजपा
नेता संगीत सोम द्वारा जेल से फेसबुक एकाउंट संचालित कर जिस तरह भड़काऊ
पोस्ट किए जा रहे थे इस पर रिहाई मंच द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बावजूद
आज तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। यहीं नहीं इसके अतिरिक्त
हिन्दूवादी संगठनों द्वारा भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट करने के खिलाफ
सरकार को कई बार रिहाई मंच सूचित किया लेकिन कभी कोई कारवाई नहीं की गई।

रिहाई मंच कार्यालय पर आयोजित बैठक में मोहम्मद शुऐब एडवोकेट, अतहर
हुसैन, अखिलेश सक्सेना, रामकृष्ण सिंह, ओपी सिन्हा, मोहम्मद मसूद,
मोहम्मद वस़ी, अनिल यादव, जियाउद्दीन, राजीव यादव, हरे राम मिश्र आदि
मौजूद थे।
 द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919
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