यूपी में हूँ। यहीं एक गाँव में सांप ने काटा। जिला अस्पताल में अंडर ऑब्जरवेशन हूँ। नींद ना लेने की हिदायत है। एक तीमारदार दोस्त ने फ़ोटो क्लिक कर भेजा है। कई दोस्तों के फोन आ रहे हैं। सबसे कहना है कि जहर शरीर में है लेकिन स्थिति कण्ट्रोल में है। सांप के डँसते ही निकलते खून वाले जगह को दबा दबा के जहर मिश्रित ब्लड बाहर किया। फिर कपड़े से कस के बाँधा। डॉक्टर्स ने तीन इंजेक्शन दिए। लेकिन मुझे सांप सर की चिंता है। उन पर मेरा जहर कितना असर किया होगा!
BiharWatch, Journal of Justice, Jurisprudence and Law is an initiative of Jurists Association (JA), East India Research Council (EIRC), Centre for Economic History and Accountability (CEHA) and MediaVigil. It publishes follow up research on the performance of just and unjust formal and informal anthropocentric institutions and their design crisis.
Thursday, June 25, 2015
सांप की मति मारी गयी कि और कोई नहीं मिला,भड़ास को डंस लिया!उम्मीद है कि सारे सांपों के जहर के दांत उखाड़ने की उसकी मुहिम से डरकर सांपों से डर डर कर जीने वाली हमारी मीडिया बिरादरी कम से कम इस सर्पदंश के बाद डरना छोड़ देगी।
सांप की मति मारी गयी कि और कोई नहीं मिला,भड़ास को डंस लिया
पलाश विश्वास
यशवंत भड़ास के ताजा स्टेटस से परेशान हूं।मीडिया के महाबदमाशों से निपटने के लिए यह अपना बदमाश सांप से अपना बचाव नहीं कर सका और डंसवा कर यूपी के पत्रकार जलाओ राज में अस्पताल में है।
वैसे सांपों से हमारा वास्ता हर वक्त है।मीडिया में सांप ही सांप भरे पड़े हैं।यशवंत को भी डंसवाने की आदत होगी।
उम्मीद है कि इस काटे का असर न होगा।
मेरा घर बदल गया है,जो अब भाइयों का घर है बसंतीपुर में,वहां पिता,ताउ और चाचा की झोपड़ियों का साझा संसार था और बाकायदा हमारी ताई की बेडरूम में काले नागों की महासभी लगती थी।
जहां तहां सांप थे हमारे घऱ में।
बिस्तर में सांप।
सर पर सांप।
पांव में लिपटा सांप।
नलके पर सांप।
शादी के बाद जहां तहां सांप ,वे भी काले जहरीले पालतू से सांपों को देख सविता की हालत खराब।हमने लाख समझाया कि अब तक हमारे घर में किसी को जहरीले नागों ने डंसा नहीं है।बहन भानूको जो दो बार सांप ने काटा,वे विषहीन बुरबक थे,जोहमारे घर में रहने के अदब से अनजान थे।
इस लिए मीडिया हो या सत्ता,काले जहरीले नागों से हमें डर नहीं लगता।
जनमजात तो हुए यूपी वाले ही।भले ही अब उत्तराखंडी हैं।
यूपी वाले ससुरे बदमाशों से कम बदमाश कभी होते नहीं हैं।
अपना यशवंत भी कम बदमाश नहीं है।
उम्मीद है कि सारे सांपों के जहर के दांत उखाड़ने की उसकी मुहिम से डरकर सांपों से डर डर कर जीने वाली हमारी मीडिया बिरादरी कम से कम इस सर्पदंश के बाद डरना छोड़ देगी।
अब बसंतीपुर में सांप दीखते नहीं हैं।कि वह भी सीमेंट के जंगल में तब्दील है।
गनीमत है कि सविताबाबू को बहुत पहले ही सांपों की सोहबत कीआदत हो गयी है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment