Friday, July 7, 2023

बिहटा किसान कन्वेंशन द्वारा पारित 21 सूत्री मांग

किसान कन्वेंशन द्वारा पारित मुख्य मांगे

संयुक्त किसान मोर्चा (बिहार) द्वारा भारत में संगठित किसान आंदोलन के जनक एवं किसानों के मसीहा स्वामी सहजानंद सरस्वती की 73 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किसान कन्वेंशन में पारित 21 सूत्री मांग पत्र इस प्रकार है:

  • सी-2 के आधार पर सभी फसलों का लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दो।
  • केंद्रीय कानून के आलोक में वर्तमान बाजार मूल्य के आधार पर सभी अधिग्रहित जमीन का मुआवजा किसानो को दिया जाए।
  • बरसों से जमाबंदी जमीन को सरकारी जमीन घोषित करना बंद करो।
  • सोन नहर में पर्याप्त पानी के लिए कदवन जलाशय का अविलंब निर्माण किया जाए।
  • उत्तर कोयल नहर परियोजना को अविलंब चालू करो तथा पुनपुन नदी में सालों भर पानी की गारंटी करो।
  • आवारा पशुओं की आवारागर्दी पर रोक तथा बर्बाद हुए फसलों का पर्याप्त मुआवजा किसानों को दिया जाए।
  • प्रीमियम मुक्त सभी फसलों का फसल बीमा पुनः बिहार में चालू किया जाए
  • ए.पी.एम.सी एक्ट को पुनः बिहार में चालू करो।
  • बाढ़-सुखाड़ का स्थाई निदान तथा सिंचाई के
  • लिए मुफ्त बिजली किसानों को दिया जाए।
  • बिजली बिल विधेयक 2022 को वापस लो।
  • सभी प्रकार के कार्यों से किसानों को कर्ज मुक्त करो।
  • किसान आंदोलन में हुए सभी मुकदमे को अविलंब वापस लो।
  • किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को शहीद का दर्जा दो,उनके परिवार को मुआवजा दो तथा उनके स्मारक निर्माण हेतु सिंधु बॉर्डर पर जमीन एलॉट करो।
  • लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या करवाने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ट्रेनी को बर्खास्त कर अविलंब गिरफ्तार करो।
  • दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर दूध पर ₹10 सब्सिडी दो।
  • 60 साल की उम्र से सभी पुरुष एवं महिला किसानों को ₹5000 मासिक पेंशन दो।
  • सस्ते दर पर खाद-बीज, कीटनाशक,अन्य कृषि सामग्री तथा कृषि यंत्र की उपलब्धता सुनिश्चित करो।
  • बंद पड़े सभी चीनी,जूट एवं पेपर मिलो को पुनः चालू करो,चीनी मिल पर बकाया राशि का ब्याज सहित किसानों को भुगतान करो,गन्ना का मूल्य ₹600 प्रति क्विंटल निर्धारित करो।
  • बटाईदार किसानों का निबंधन कर सभी सरकारी सुविधा प्रदान करो।
  • बिहार में सर्वे के नाम पर किसानों की हो रही लूट बंद करो,जमीन की ऑनलाइन परिमार्जन में गड़बड़ी पर सख्ती से रोक लगाओ।
  • मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ा जाए,साल में कम से कम 200 दिन काम की गारंटी और ₹600 दैनिक मजदूरी दिया जाए।
संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के 100वीं जयंती के अवसर पर 23 सितंबर 2023 को बिहटा में किसान महापंचायत लगाने का निर्णय लिया है। 24 सितंबर को बिहटा के श्री सीताराम आश्रम से किसानों का विशाल कारवां विधानसभा घेराव के लिए पटना की ओर पैदल कूच करेगा। 15 जुलाई से 15 अगस्त तक सभी प्रखंडों में संयुक्त बैठक एवं किसानो की मांग पत्र पर कंवेशन आयोजित करने का निर्णय लिया गया।  संयुक्त किसान मोर्चा के कन्वेंशन में 23 सितंबर को किसान महापंचायत आयोजित करने तथा 24 सितंबर को विधानसभा घेराव के लिये पटना चलो के कार्यक्रम का प्रस्ताव पेश किया। कन्वेंशन में भाग ले रहे बिहार के 35 जिलों से आए प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव का समर्थन किया।

नेशन फॉर फार्मर्स के गोपाल कृष्ण ने बताया कि स्वामी सहजानंद सरस्वती को याद करने का मतलब 700 से ज्यादा किसानों की मौत को याद करना है, उन्हें याद करने का मतलब दो दशकों में लाखों किसानों की आत्महत्या को याद करना है. कृषि संकट र्थव्यवस्था के संकट का मुद्दा है. यह संकट समाज और सभ्यता का संकट है. 2011 की जनगणना के अनुसार देश में 1999 और 2011के बीच किसानों की संख्या में तकरीबन 1.5 करोड़ की कमी आयी है. उन्होंने खेत मजदूर आयोग के गठन के बारे में बताया जिसे ६ महीने में अपना रिपोर्ट देना है. प्रोफेसर जगमोहन इस 30 सदस्यीय आयोग के संयोजक है. यह आयोग स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा को किसानों के आंदोलन के सन्दर्भ में समीक्षा औरअनुशंसा करेगा. उन्होंने किसानों और कृषि पर गहराते संकट के सवाल पर विधान सभा और संसद के 21 दिन के विशेष सत्र का माँग को किया. खेती को सुधारने के लिए बिहार कृषि उत्पाद विपणन समिति कानून 1960 (एपीएमसी एक्ट 1960) बनाया गया था, जिसे 2006 में खत्म कर दिया गया। इस कानून के ख़त्म होने से बाजार समितियां ख़त्म हो गईं जिससे बिहार के खेतिहरों से न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर कृषि उत्पादों को खरीदना स्थानीय व्यापारियों के लिए ज्यादा आसान हो गया।  गोपाल कृष्ण ने एपीएमसी एक्ट को पुनः  बहाल करने की मांग की.

 


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