Wednesday, August 24, 2016

बोधगया धम्म संदेश समाज और राष्ट्र के मनुष्यकल्याणे बहुजन हिताय नवनिर्माण,समता और न्याय का मिशन ही धम्म है। पलाश विश्वास

बोधगया धम्म संदेश

समाज और राष्ट्र के मनुष्यकल्याणे बहुजन हिताय नवनिर्माण,समता और न्याय का मिशन ही धम्म है।

पलाश विश्वास

डा.भिक्खु सत्यपाल महाथेरा की अध्यक्षता में बोधगया में भिक्खु संघ के धम्म सांसदों और भारत के लगभग सभी राज्यों से विभिन्न बौद्ध संगठनों के राष्ट्रीय,प्रादेशिक,जिला नेतृत्व और विभिन्न ट्रस्टों के प्रतिनिधियों की धम्म संसद 20 और 21 अगस्त को संपन्न हो गयी और बोधगया धम्म संदेश जारी हो गया।


इस मौके पर भिक्खु भंतों और विभिन्न बौद्ध संगठनों के साथ हमारी रात दिन अलग अलग बातचीत भी होती रही है।जिसका खुलासा हम आगे बहस और संवाद के सिलसिले में करते रहेंगे।बोधगया धम्मसंदेश पर भी हम बिंदुवार चर्चा जारी रखेंगे।


इसबीच गुगल प्लस के बाद अब फेसबुक का पुराना खाता हमारे काम का नहीं रहा।फेसबुक का नया खाता खुला है।इसलिए संवाद सीमित दायरे में ही संभव है।


जो लोग अब भी हमारी प्रासंगिकता और मित्रता काम लायक जरुरी मानते हैं, वे कृपया मेरे नये फेसबुक खाते या लिंकडइन से जुड़ें तो बेहतर।अलग से मेल भेजना  भी संभव नहीं है।सीधे हस्तक्षेप से संपर्क साधने का नंबर हैः 09312873760.


धम्मसंसद के बारे में विस्तृत ब्यौरे आशाराम गौतम से हासिल कर सकते हैं और उनका नंबर हैः09899853744.

जिन्हें भी इस संवाद के सिलसिले में कुछ कहना है,वे हस्तक्षेप या आसारम गौतम से संपर्क साध सकते है।



बोधगया धम्म संदेश के प्रसारण के लिए हस्तक्षेप की नेटवर्किंग भी अनिवार्य है,कपया इसे जारी रखने की भी सोचें।जो अधर्म के खिलाफ गौतम बुद्ध के पंथ और अंबेडकर भगतसिंह की विचारधारा के तहत समाज और राष्ट्र के कायाकल्प के मिशन में लगे हैं,वैचारिक भिन्नता और अस्मिता विविधता बहुतलता और विभिनन्ता के बावजूद ङम इस अभियान में उन सबका साथ चाहते हैं जाति धर्म नस्ल भाषा निर्विशेष क्योंकि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता मनुष्यता ,सभ्यता और प्रकृति के हित हैं।


इस अभियान में उन सबका साथ चाहते हैं जाति धर्म नस्ल भाषा निर्विशेष क्योंकि  समाज और राष्ट्र के मनुष्यकल्याणे बहुजन हिताय नवनिर्माण,समता औॅर न्याय का मिशन ही धम्म है।


धम्म संसद के माध्यम से देशभर के जिन प्रतिनिधियों से हमारा संवाद अभी अभी शुरु हुआ है,उनसे भी निवेदन है कि वे हमारे नये फेसबुक खाते से जुड़कर हमें अपने क्षेत्र में हो रही गतिविधियों और संवाद का सिलसिलेवार ब्यौरा देते रहें।जितने जिलों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि बोधगया में हमारे साथ थे,वे तमाम लोग हमारे साथ खड़ रहें तो फिर देख लें कि बिन कारपोरेट मीडिया बदलाव के लाखोंलाख रास्ते खुलते और खिलते हैं।हर जिले से नेटवर्किंग बना लें हम तो इस हिंसा के रंगभेदी नरमेधी फासिज्म के राजकाजी अधर्म के खिलाफ बोधगया संदेश से धम्म चक्र अभियान के तहत ही मानवकल्याण है।

धम्मसंसद का आयोजन यूं तो पांचवीं दफा हुआ लेकिन इस बार धम्म संसद में धम्म की प्रासंगिकता वैश्विक ज्वलंत समस्याओं के संदर्भ में और भारत राष्ट्र में खासतौर पर अमन चैन,बंधुत्व, मैत्रीभाव,सहिष्णुता,विविधता बहुलता समता और न्याय के आधार पर महात्मा गौतम बुद्ध के पंथ पर राष्ट्र और समाज के नवनिर्माण पर बहुआयामी संवाद का सिलसिला शुरु हुआ है।


इस बार धम्म संसद में भारत में बौद्ध धर्म की चुनौती,जाति व्यवस्था और आरक्षण के सिलसिले में बाबासाहेब डा.भीमराव अंबेडकर के जाति उन्मूलन के एजंडा के तहत समता और न्याय के लिए वर्गीय ध्रूवीकरण,राष्ट्र व्यवस्था और सामाजिक क्रांति के कार्यभार के संदर्भ में धम्म की व्याख्या और तदनुसार भावी कार्ययोजनाओं के तहत भारत और भारत की सीमाओं से बाहर मनुष्यता और प्रकृति के हित में मनुष्य के कल्याण आधारित धम्म चक्र प्रवर्तन की आवश्यकता पर गहन विचार विमर्श हुआ।


बुद्ध धर्म की चुनौतियों और समस्याओं को भारत के संविधान के फ्रेम के मातहत संवैधानिक तरीके से सुलझाने के लिए अलग बुद्धिस्ट पर्सनल ला,बुद्धिष्ट मैरेज एक्ट जैसे कुल बीस सूत्री एजंडा पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के विधि विशेषज्ञ पैनलों की मौजूदगी में विचार के बाद बोधगया धम्मसंदेश जारी करके भारतवर्ष और संपूर्ण विश्व के मनुष्यों को प्रेमबंधन में बांधने की  मानव शृंखला गढ़ते हुए मुक्तबाजारी अभूतपूर्व हिंसा और आतंकी तांडव के साथ हिंदुत्व के फासीवादी नरसंहारी अभियान के मुकाबले का संकल्प बौद्ध संगठनों की ओर से लिया गया।


इस बारे में तमाम तथ्य,चित्र,वीडियो और दस्तावेज हम हस्तक्षेप से जारी कर सकें, इसके लिए लिए बौद्ध संगठनों के राष्ट्रीय समन्वय समिति के राष्ट्रीय संगठक आशा राम गौतम और कानूनी सलाहकार एडवोकेट अंबिका राय जल्द ही हस्तक्षेप संपादक से मिलेंगे,ऐसा तय हुआ है।वे जितनी जल्दी संबंधित सामग्री हमें उपलब्ध करा देंगे, उतनी तेजी से हम धम्म संदेश पर संवाद का विषय विस्तार करेंगे।


धर्मांध मुक्तबाजारी सुनामी के खिलाफ धम्मचक्र प्रवर्तन के इस नये अभियान के विविध आयामों और कार्यक्रमों और मुद्दों पर हम बौद्ध संगठनों और भिक्खू संगठनों के आधिकारिक वक्तव्य और दस्तावेजों के मिलने के क्रम में खुली चर्चा करेंगे।फिलहाल आशाराम गौतम जी पर निर्भर है कि वे बाकी देश से संवाद के क्या तौर तरीके अपनाते हैं और इस संवाद में हमारी क्या भूमिका होगी।



--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments: