...एड्स से अधिक ख़तरनाक अराजनैतिकों का राजनीति करना ......
मेरी चिंता jnu की लड़कियों से अधिक विधायक ज्ञानदेव आहूजा के घर की लड़कियां हैं और साथ ही उस प्रांत की लड़कियां जहां वे विधायकी चलाते हैं। ऐसा संभव है कि वे या तो अपने यहाँ की लड़कियों को पढ़ने नहीं देते होंगे और जो लड़कियां कॉलेज जाती होंगी उनका वे दिनभर टेस्ट ही करवाते होंगे. जो बेचारा कॉलेज पूरा भी न कर सका हो उसके प्रति चिंता अधिक जरूरी है. इस सरकार में एक रस्म सी चली है कि जो मूर्ख होंगे वही ज्ञान की परिभाषा तय करेंगे। स्मृति ईरानी जैसे देश को जाने वगैर(शिक्षा के क्षेत्र में तो पहले से ही हाथ तंग है) राष्ट्रीय स्तर पर मूर्खता पूर्ण विज्ञापन कर रही हैं ठीक उसी प्रकार भक्त भी लगे हैं. जबकि कहते-बोलते वक़्त उनके विश्वास को देखा जा सकता है... किसी ने सच ही कहा है कि उच्च स्तरीय विश्वास देखना हो तो मूर्खों में देखो। यहाँ जरूरी है मुक्तिबोध को याद करना वो लेखन के संदर्भ में कहते हैं कि-- मूर्ख ईमानदार बहुत ख़तरनाक होता है। वह जो भी कहता-लिखता है, उसे विश्वास होता है कि वही सही है। ईरानी जी jnu को नहीं बर्दाश्त करने के क्रम में सबसे अधिक विश्वास से जो बात उठती हैं वह है--- महिषासुर की पूजा..... अब उन्हें कितनी बातें पढ़ाई जाय... खैर इससे एक बात तो साबित होता है कि पढ़ाई की उम्र में पढ़ाई ही करनी चाहिए, बालाजी नहीं.... इससे आगे इतिहास और मिथक के बीच फर्क जैसे मसलों पर बात करने की इजाजत तो मैं समझता हूँ कि इस घनघोर मूर्ख-पंचवर्षीय योजना में बिलकुल भी नहीं है।ऐसे में राष्ट्रवाद के कान्सैप्ट पर कौन बात करेगा उनसे, मुंह नहीं तोड़ देंगी मोहतरमा।यह अपने आप में कम चौंकाने वाला मसला नहीं कि जो लोग अपने जीवन में कॉलेज देख नहीं पाये वो jnu को तोड़ने की बात करते हैं.... और उन्हें लगभग सफलता भी मिलती है... खैर यह बुरा वक़्त है टल जाएगा, लेकिन जो टलेगा नहीं वह है बीजेपी द्वारा abvp नामक नस्ल को ठीक अपने जैसा मूर्ख बनाकर बर्बाद करना। इस देश का भविष्य बड़े विध्वंस की प्रतीक्षा कर रहा है जिसकी शुरुआत शायद हो चुकी है।
''तेरा कौन मददगार होगा आलम
तूने मूर्खों को मुहब्बत अदा की है...''
BiharWatch, Journal of Justice, Jurisprudence and Law is an initiative of East India Research Council (EIRC) and MediaVigil. It focuses on justice, constitutionalism, legislations and judgements besides aesthetics, philosophy, science, ecocide and economic history. It attempts to keep an eye on consciousness, unsound business, jails, cyber space, big data, migrants and neighbors. Editor: Dr.G.Krishna, M.A., LL.M., Ph.D, Post Doc (Berlin), UGC-NET (Law) Email: forcompletejustice@proton.me
Thursday, February 25, 2016
.एड्स से अधिक ख़तरनाक अराजनैतिकों का राजनीति करना ...... मेरी चिंता jnu की लड़कियों से अधिक विधायक ज्ञानदेव आहूजा के घर की लड़कियां हैं और साथ ही उस प्रांत की लड़कियां जहां वे विधायकी चलाते हैं। ऐसा संभव है कि वे या तो अपने यहाँ की लड़कियों को पढ़ने नहीं देते होंगे और जो लड़कियां कॉलेज जाती होंगी उनका वे दिनभर टेस्ट ही करवाते होंगे. जो बेचारा कॉलेज पूरा भी न कर सका हो उसके प्रति चिंता अधिक जरूरी है. इस सरकार में एक रस्म सी चली है कि जो मूर्ख होंगे वही ज्ञान की परिभाषा तय करेंगे। स्मृति ईरानी जैसे देश को जाने वगैर(शिक्षा के क्षेत्र में तो पहले से ही हाथ तंग है) राष्ट्रीय स्तर पर मूर्खता पूर्ण विज्ञापन कर रही हैं ठीक उसी प्रकार भक्त भी लगे हैं. जबकि कहते-बोलते वक़्त उनके विश्वास को देखा जा सकता है... किसी ने सच ही कहा है कि उच्च स्तरीय विश्वास देखना हो तो मूर्खों में देखो। यहाँ जरूरी है मुक्तिबोध को याद करना वो लेखन के संदर्भ में कहते हैं कि-- मूर्ख ईमानदार बहुत ख़तरनाक होता है। वह जो भी कहता-लिखता है, उसे विश्वास होता है कि वही सही है। ईरानी जी jnu को नहीं बर्दाश्त करने के क्रम में सबसे अधिक व
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