Saturday, August 15, 2015

लाल किला, भाषण और भारत… (व्यंग्य)


परिधान सेवक, लाल किला, भाषण और भारत… (व्यंग्य)

एक रोज़ देश की आज़ादी अचानक से 68 साल बाद आई और सीधे टीवी और रेडियो पर गूंजने लगी। लगा कि इससे पहले तो आज़ादी थी ही नहीं और इसके बाद मिलेगी नहीं। डेढ़ घंटे तक देश आज़ाद रहा, भाईयों-बहनो, टीवी-रेडियो बंद करने, उसे तोड़ देने या अपना सिर फोड़ लेने की ऐसी आज़ादी कहां मिलती थी पहले? हमारे पास गुप्त सूत्रों के ज़रिए परिधान सेवक के लाल किले से भाषण की प्रति आ गई है, आप भी पढ़िए….व्यंग्य है, अन्यथा ही लें..

शौचालय….शौचालय….शौचालय….जुमला….जुमला….जुमला….विकास…विकास….विकास…विकास….शौचालय….शौचालय….शौचालय….मेक इन इंडिया….मेक इन इंडिया….मेक इन इंडिया….जुमला….जुमला….जुमला….विकास….विकास….विकास….गुजरात….गुजरात….गुजरात….मितरों….मितरों….मितरों….स्वच्छ भारत….स्वच्छ भारत….स्वच्छ भारत….

शौचालय….शौचालय….शौचालय….पीकू….पीकू….पीकू….जुमला….जुमला….जुमला….विकास….विकास….विकास….जुमला….जुमला….जुमला….काला धन….ओह…नहीं नहीं…गड़प…सारी…जन-धन….जन-धन….जन-धन….विकास….विकास….विकास….पिछले 65 साल…पिछले 65 साल…पिछले 65 साल…करप्शन….करप्शन….करप्शन….शौचालय….शौचालय….शौचालय…

मितरों….मितरों….मितरों….देश…देश…देश….ललित मोदी…आंय…नहीं…गड़प…ओह…सॉरी…मोदी….मोदी….मोदी….देश….देश….देश….दलित, आदिवासी…अल्पसंख्य….ओह नहीं…देश…विकास…विकास…विकास…मेक इन इंडिया…मेक इन इंडिया…मेक इन इंडिया…चोरगुरु…नहीं-नहीं…विश्वगुरु….विश्वगुरु….विश्वगुरु….

पिछले साल से कॉपी-पेस्ट…पिछले साल से कॉपी-पेस्ट…पिछले साल से कॉपी-पेस्ट…चुनाव वाले भाषण का कॉपी-पेस्ट…चुनाव वाले भाषण का कॉपी-पेस्ट…चुनाव वाले भाषण का कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…कॉपी-पेस्ट…

शौचालय…शौचालय…शौचालय…विकास….विकास….विकास….जुमला…जुमला…जुमला…मेक इन इंडिया…मेक इन इंडिया…मेक इन इंडिया…मुझे फांसी दे देना…मुझे फांसी दे देना…मुझे फांसी दे देना…हा हा हा हा हा….हा हा हा हा…हा हा…गैस सब्सिडी…इनो…गैस…डाइजीन…गैस सब्सिडी…काला धन…हा हा हा हा …जन-धन….स्वच्छ भारत…. :) …. :) ….:) …. विकास…विकास….विकास….जुमला….दो जुमले…बहुत सारे जुमले…सारे जुमले…ओह या…ओह या…ओह या…मिडिल फिंगर…भाषण….

भारत माता की जय
वंदे मातरम्
जय हिंद
जय हिंद
जय हिंद

Mayank SaxenaMayank Saxena

मयंक सक्सेना, भूतपूर्व टीवी पत्रकार और वर्तमान स्वतंत्र लेखक-कवि हैं।

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments: