चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र विरोधी अभियान
झूठी जनसुनवाई के खिलाफ चुटका के आदिवासियों ने भोपाल में किया प्रदर्शन
दिल्ली जाकर राष्ट्रपति को देंगे ज्ञापन
चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना की झूठी 'जन-सुनवाई' के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए और विनाशक परमाणु ऊर्जा से मुक्त भारत के निर्माण के पक्ष में अपनी बात रखने के लिए मंडला जिले के चुटका व आसपास के गांवों के सैंकड़ो आदिवासी किसान, मजदूर, महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चों ने 3 मार्च को भोपाल के शाहजहांनी पार्क में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन व धरना दिया। इसके बाद ये सभी लोग दिल्ली रवाना हुए हैं जहां ये चुटका परमाणु संयंत्र के खिलाफ भारत के राष्ट्रपति और केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्री को ज्ञापन सौपेंगे। चूंकि चुटका व आसपास का क्षेत्र आदिवासी बहुल इलाका है जो संविधान की पांचवीं अनुसूची में शामिल है, यहां के आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की विशेष जिम्मेदारी देश के राष्ट्रपति की है। महामहिम राष्ट्रपति से ये लोग अपील करेंगे कि इस परियोजना से आदिवासियों के जीवन व जीविका के अधिकार का हनन हो रहा है अतः इसे रोकना आवश्यक है। वन व पर्यावरण मंत्री से अपील की जाएगी कि 17 फरवरी 2014 परियोजना के लिए हुई 'जन-सुनवाई' के दौरान शासन द्वारा बल-प्रयोग करने और स्थानीय आदिवासियों को अपनी बात कहने से रोके जाने के कारण उक्त जन-सुनवाई सिर्फ एक दिखावा भर रह गई है और उसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। इसके अलावा ये लोग 4 मार्च को दिल्ली में परमाणु ऊर्जा के खिलाफ आयोजित राष्ट्रीय 'जन-संसद' में भी हिस्सा लेंगे।
प्रदर्शन के दौरान इन आदिवासियों ने यह सवाल उठाया कि भाजपा-नीत प्रदेश सरकार और कांग्रेस-नीत केंद्र सरकार लोगों के भारी विरोध के बावजूद और परमाणु ऊर्जा के विनाशक चेहरे से भली-भांति परिचित होने के क्यों ऐसी विनाशलीला रचने पर अमादा हैं और आगामी चुनावों को देखते हुए अधिकारों का हनन करने वाली इन सरकारों के हाथ में लोकतंत्र की बागडोर देना कहां तक उचित है।
ज्ञातव्य हो कि मंडला जिले के चुटका व आसपास के गांवों के लोगों समेत पूरे प्रदेश की जनता के अलग-अलग तबकों के लगातार विरोध के बावजूद केंद्र व राज्य सरकारों ने मिलीभगत करके 17 फरवरी 2014 को 'चुटका परमाणु ऊर्जा संयंत्र' के लिए तथाकथित 'जन-सुनवाई' की खोखली औपचारिकता को बंदूक की नोक पर पूरा करा लिया।
चुटका परमाणु संघर्ष समीति; भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (म.प्र.); भारत की कम्युनिस्ट पार्टी – मार्क्सवादी-लेनिनवादी (म.प्र.); गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (म.प्र.); अखिल भारतीय क्रांतिकारी विद्यार्थी संगठन (म.प्र.); ऑल इण्डिया स्टुडेंट्स फेडेरेशन (म.प्र.); ऑल इण्डिया यूथ फेडेरेशन (म.प्र.); क्रांतिकारी नौजवान भारत सभा (म.प्र.); गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन, भोपाल; पीपल्स इनिशियेटिव अगेंस्ट न्युक्लियर पावर; मध्य प्रदेश महिला मंच;
शिक्षा अधिकार मंच, भोपाल; सेंट्रल गवर्नमेंट पेंशनर्स एसोसिएशन
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