Wednesday, August 19, 2015

कोबरापोस्ट स्टिंग की रिपोर्ट पर कार्यवाही करो । भाजपा-पोषित रणवीर सेना कमाण्डरों को गिरफ्तार करो । बाथे, बथानी, शंकरबीघा, एकबारी, सरथुआ, मियांपुर जनसंहारों का जुर्म कबूल करने वाले रणवीर सेना के कमाण्डर अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं? नीतिश कुमार जवाब दो ! अमीरदास आयोग की रिपोर्ट में आये तथ्‍यों पर कार्यवाही करो ! अमीरदास आयोग भंग कर भाजपा नेताओं को बचाने वाले नीतिश कुमार शर्म करो !

Kailash Pandey
August 19 at 10:10am
 
कोबरापोस्ट स्टिंग की रिपोर्ट पर कार्यवाही करो । 

भाजपा-पोषित रणवीर सेना कमाण्डरों को गिरफ्तार करो । 

बाथे, बथानी, शंकरबीघा, एकबारी, सरथुआ, मियांपुर जनसंहारों का जुर्म कबूल करने वाले रणवीर सेना के कमाण्डर अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं? नीतिश कुमार जवाब दो ! 
अमीरदास आयोग की रिपोर्ट में आये तथ्‍यों पर कार्यवाही करो ! 

अमीरदास आयोग भंग कर भाजपा नेताओं को बचाने वाले नीतिश कुमार शर्म करो ! 

आतंकवादी, जनसंहारी रणवीर सेना के संरक्षक भाजपा नेताओं को अविलम्ब गिरफ्तार करो ! 

दिल्ली में 17 अगस्त को 'कोबरापोस्ट' ने उस कड़वी सच्चाई को पूरे देश के सामने उजागर किया है जिसे बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है। कि रणवीर सेना ने दलितों और गरीब महिलाओं व बच्चों की जघन्य हत्यायें इसलिए कीं क्योंकि वे 'माले' के समर्थक थे और अपने सम्मान व अधिकारों की मांग कर रहे थे। कि रणवीर सेना को भाजपा के ऊंचे-ऊंचे नेताओं ने राजनीतिक संरक्षण दिया और हथियार खरीदने व नरसंहार करने के लिए धन भी दिया। 

'कोबरापोस्ट' की स्टिंग में रणवीर सेना के 6 कमाण्डरों ने बड़ी बेशर्मी और सामंती अहंकार के साथ बताया है कि कैसे उन्होंने बथानी टोला, लक्ष्मणपुर-बाथे, शंकरबीघा, मियंापुर, एकबारी और सरथुआ में दलित और दमित मेहनतकश गरीबों के जनसंहार किये। सोती हुई महिलाओं और बच्चों को भी बर्बरता से मार दिया। इन आतंकवादियों ने खुद कहा है कि कई ताकतवर नेताओं ने उन्हें हथियार मुहैया कराने और सेना में काम कर रहे एवं रिटायर्ड जवानों से हथियारों की ट्रेनिंग दिलवाने में खूब मदद की। वे खुले आम कह रहे हैं कि उन्हें मुरली मनोहर जोशी, सुशील मोदी और सीपी ठाकुर जैसे टाॅप के भाजपा नेताओं ने भी मदद की, और जद(यू) के शिवानन्द तिवारी ने भी। और कि इन नेताओं के साथ लोजपा के नेताओं ने भी उन्हें बचाने में मदद की। 

पुलिस से लेकर कोर्ट-कचहरी तक, लालू-राबड़ी के राज से लेकर नीतिश के राज तक, और इन सबसे आगे भाजपा - सभी गरीबों के जनसंहारों और न्याय की हत्या में भागीदार हैं। बिहार में 'जंगल राज' की बातें करने वाले नरेन्द्र मोदी को क्या नहीं मालूम कि इस जंगल का सबसे खतरनाक नरभक्षी भाजपा संरक्षित-पोषित रणवीर सेना ही है? कोबरापोस्ट के इस खुलासे पर बोलने की हिम्मत नरेन्द्र मोदी और सुशील मोदी में है? रणवीर सेना के कमाण्डरों ने कोबरापोस्ट को बताया है कि दलितों, महिलाओं और बच्चों के सभी बर्बर नरसंहारों का मास्टरमाइण्ड ब्रहृमेश्‍वर मुखिया ही था। क्या अब भाजपा के गिरिराज सिंह बतायेंगे कि क्यों इस बर्बर आतंकवादी ब्रहृमेश्‍वर को उन्होंने बिहार का गांधी कहा था? 

क्या नीतिश कुमार बिहार की जनता को समझा सकते हैं कि भाजपा को बचाने के लिए 2005 में उन्होंने अमीरदास आयोग को क्यों भंग किया? ताकि कोई यह न पूछ ले कि वे दलितों, महिलाओं और बच्चों का जनसंहार करने वाले बिहार के इतिहास के बर्बरतम हत्यारों से क्यों हाथ मिलाये हुए थे? ब्रहृमेश्‍वर की हत्या के बाद नीतिश कुमार ने रणवीर सेना के गुण्डों को पटना व आरा में तोड़फोड़, आतंक और दलित हाॅस्टलों पर हमले की खुली छूट क्यों दी थी? आज वही नीतिश कुमार अपने आप को 'धर्मनिरपेक्ष' और साम्प्रदायिक भाजपा के विरोध में बताते नहीं थक रहे ! लेकिन यही नीतिश कुमार हैं जो शर्मनाक तरीके से न्याय की हत्या और जनसंहारों के पीडि़तों एवं उनके परिवारों से गद्दारी के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने ही अमीरदास आयोग को भंग कर साम्प्रदायिक-जातिवादी भाजपा को बचाया और उसके नेताओं को संरक्षण दिया। 

आज भाजपा की गोदी में जा बैठे दलितों और महादलितों के उन तथाकथित नेताओं को भी जवाब देना होगा कि क्यों बिहार के गरीबों का अपमान करने वाले हत्यारों के साथ वे जा मिले हैं। 

पटना उच्च न्यायालय ने जनसंहारों के अपराधियों को छोड़ दिया। कहा कि 'सबूत नहीं मिले', चश्मदीद गवाहों को झूठा बता दिया। आज खुद हत्यारे ही पूरे सामंती दंभ के साथ कोबरापोस्ट के खुलासे में इन गवाहों की गवाहियों को सच ठहरा रहे हैं। क्‍या अदालत को अब सच को स्वीकार कर और हत्यारों को दण्ड दे अपनी गलती को सुधरना नहीं चाहिए ? 

भाकपा(माले) ने पटना उच्च न्यायालय द्वारा हत्यारों को बरी करने के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की है। बिहार के जनसंहारों के पीडि़तों और उनके परिजनों को न्याय दिलाने के लिए भाकपा(माले) निरंतर संघर्ष कर रही है। रणवीर सेना के कमाण्डरों ने पार्टी के समर्थकों और आम गरीब दलितों का जनसंहार कर भाकपा(माले) को 'खत्म' करने का 'ख्वाब' देखा था, लेकिन वे नहीं जानते कि मेहनतकशों, दलितों, और गरीबों की बराबरी और सम्मान की सच्ची लड़ाई लड़ने वाली ताकतें हमेशा आगे बढ़ती ही रहती हैं, और एक सुन्दर भविष्य और नये इतिहास का निर्माण करती हैं। ऐसे इतिहास का जिसमें रणवीर सेनाओं और उन्हें संरक्षण-पोषण देने वाली राजनीतिक ताकतों का दफन होना तय है। 

दोस्तो, भाकपा(माले) की आप से अपील है कि निम्नलिखित मांगों को बुलंदी के साथ उठा कर जनसंहारों के पीडि़तों व परिजनों के न्याय के लिए संघर्ष को मजबूती दें- 

रणवीर सेना के आजाद घूम रहे जनसंहारी 'कमाण्डरों' को तत्काल गिरफ्तार किया जाय। 
अमीरदास आयोग की रिपोर्ट में जाहिर रणवीर सेना को संरक्षण व मदद देने वाले भाजपा के उच्च नेताओं समेत सभी नेता गिरफ्तार हों।
प्रतिबंधित रणवीर सेना के आतंकियों को ट्रेनिंग देने में शामिल सेना में कार्यरत व पूर्व सैनिकों की छानबीन कर उन्हें गिरफ्तार किया जाय। 
अमीरदास आयोग क्यों भंग किया? नीतिश कुमार जवाब दें। 
आज भी बिहार में जमीनी स्तर पर भाजपा-जद(यू) गठजोड़ सक्रिय है, यह हाल ही में परबत्ता (खगडि़या) में दलित महिलाओं पर हुये हमले में उजागर हुआ है। इस गठजोड़ को शिकस्त दें।

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