Tuesday, August 11, 2015

जितने सवाल-उतने जवाब थे अपने फक्कड़दा-गिर्दा.दोस्तो आगामी 22 अगस्त को है अपने प्यारे, प्रदेश के दिवंगत जनकवि गिरीश तिवारी 'गिर्दा" की पांचवी पुण्य तिथि, इस मौके पर जानें क्या-क्या थे गिर्दा ?

दोस्तो आगामी 22 अगस्त को है अपने प्यारे, प्रदेश के दिवंगत जनकवि गिरीश तिवारी 'गिर्दा" की पांचवी पुण्य तिथि, इस मौके पर जानें क्या-क्या थे गिर्दा ?
जबकि मेरा आंकलन है जितने सवाल-उतने जवाब थे अपने फक्कड़दा-गिर्दा, बेहद विस्तृत था उनका फलक, प्रदेश के प्रति गहरी पीड़ा थी उनके मन में, कैसा हो अपना उत्तराखंड और कैसी हो राजधानी, इस पर उनकी सीधी और सरल राय थी, साथ ही उनके पास था उत्तराखंड के विकास का मॉडल। संस्कृति के इनसाइक्लोपीडिया और होली जैसे त्योहारों को अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बनाने वाले कवि, लेखक, गायक, संस्कृतिकर्मी और न जाने क्या-क्या गिर्दा पर पढ़ें एक विस्तृत आलेख @ हम तो ठैरे Uttarakhand Lovers @
www.uttarakhandlovers/2015/07/30/girda-2/
‪#‎Girda‬ ‪#‎GirishTiwariGirda‬ ‪#‎Uttarakhand‬

'बबा, मानस को खोलो, गहराई में जाओ, चीजों को पकड़ो.. यह मेरी व्यक्तिगत सोच है, मेरी बात सुनी जाए लेकिन मानी न जाए....' प्रदेश के जनकवि, संस्कृतिकर्मी, आंदोलनकारी, कवि, लेखक गिरीश तिवारी 'गिर्दा' (जन्...

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments: