सेवा में
अध्यक्ष
बिहार राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड
बिहार
विषय: संपतचक अंचल, पटना जिला अन्तर्गत रामचक बैरिया गांव में प्रस्तावित अस्पताल के परिसंकटमय जहरीले कचरे के भस्मीकरण, भंडारण एवं निपटान परियोजना का स्वास्थ्य और पर्यावरण पर दुष्प्रभाव के सम्बन्ध में
महाशय,
उपरोक्त विषय में हम आपके संज्ञान में यह तथ्य लाना चाहते है कि इस परियोजना से उत्पन्न होने वाले परिसंकटमय जहरीले गैस का स्वास्थ्य और पर्यावरण पर दुरगामी दुष्प्रभाव पड़ेगा। इससे गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, पेट का कैंसर, मलद्वार का कैंसर आदि का खतरा उत्पन्न हो जाएगा।
इसके 254 पृष्ठ के पर्यावरण आकलन रिपोर्ट के अध्ययन से पता चलता है कि यह परियोजना गंगा, पुनपुन और गंडक नदी घाटी क्षेत्र पर नुकसानदेह असर डालेगा। इससे जल प्रदुषण, वायु प्रदुषण और भोजन श्रृंखला प्रदुषण होता है। ऐसे परियोजना को इस क्षेत्र में अनुमति देने का कोई औचित्य नहीं है।
कचरा प्रबन्धन का मूल सिद्धान्त कहता है कि कचरा को उत्त्पादन स्थल पर ही वैज्ञानिक तरीके से निपटाना चाहिए। कंपनी के पर्यावरण सलाहकार ने अपने रिपोर्ट में इस परियोजना से होनेवाले नुकसान को कम करके आँका है। रिपोर्ट में भ्रम फैलाने के इरादे से परियोजना स्थल के पांच किलोमीटर में स्थित संवेदनशील स्थानों का जिक्र नहीं किया गया है। रिपोर्ट में केवल 6 किलोमीटर के बाद के स्थानों का जिक्र है।
सारांश में रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि प्रस्तावित कारखाने से जहरीले गैस का उत्पादन होगा। इससे होनेवाले नुकसान जा ब्यौरा निम्नलिखित है-
1. डायोक्सिन्स और पारा का उत्पादन
2. डायोक्सिन्स का इस्तेमाल रासायनिक हथियार के रूप में हो चुका है। अमेरिका ने इसका प्रयोग वियतनाम के खिलाफ (1959-75) किया था। उसका नुकसान और दुष्परिणाम आज भी जारी है।
3. ऐसे कारखानों से जल प्रदुषण, वायु प्रदुषण और भोजन श्रृंखला का प्रदुषण होता है।
4. इस कारखाने से रिहायसी इलाके पर पड़ने वाले भयावह प्रभाव पर हैरतअंगेज चुप्पी साधी गयी है।
5. दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में ऐसे ही एक कारखाने के सन्दर्भ में लिखा है कि ऐसे कारखानों के 10 किलोमीटर क्षेत्र में लाइलाज़ रोगों की बाढ़ सी आ हाती है। फैसला हाई कोर्ट के वेबसाइट पर उपलब्ध है। (http://www.delhicourts.nic.in/Jan13/P.K.%20Nayyar%20vs.%20UOI.pdf)
6. इस कारखाने के खिलाफ बिहार मानवाधिकार आयोग ने एक आवेदन लंबित है।
इन तथ्यों के आलोक में इस कारखाने का रामचक बैरिया गांव में प्रस्तावित करना गैर जिम्मेदाराना, असंवेदनशील, पर्यावरण विरोधी और स्वास्थ्य विरोधी है। इसलिए इस कारखाने को निर्माण की मंजूरी और पर्यावरण की मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए।
सधन्यवाद।
सादर
डॉ गोपाल कृष्ण, LLB, PhD
संपादक,
टॉक्सिक्स वाच
ईमेल: krishnagreen@gmail.com
वेबसाइट: www.toxicswatch.org
BiharWatch is an initiative of the East India Research Council (EIRC) which focuses on public policy, public finance, law making and justice besides nature and science. It attempts to keep an eye on poems, unalloyed truth, unsound business, paid news, courts, central and state legislatures, central and state governments, courts, district and block administrations, mayors, mukhiyas, sarpanchs, police stations, jails, the migrants from earliest times and neighbors. Contact:krishnaruhani@gmail.com
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