Monday, December 2, 2013

आधार कार्ड प्रॉजेक्ट से जुड़ेगी सीआईए फंडेड कंपनी!

आधार कार्ड योजना से जुड़ी यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) न्यूयॉर्क की ऐसी टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप से करार करने वाली है, जिसे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से फंड मिलता है। अमेरिकी कंपनी मोंगोडीबी के सीईओ मैक्स शाइरेसन दो सप्ताह पहले इसी काम के लिए नई दिल्ली आए थे। अभी इस कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि मोंगोडीबी डेटा लेने और उसकी एनालिसिस में यूआईडीए को मदद देगी।

इकनॉमिक टाइम्स ने सवाल पूछा था कि समझौते पर आगे बढ़ने से पहले सीआईए वाले पहलू पर सोचा गया था या नहीं? इस पर न तो यूआईडीएआई और न ही मोंगोडीबी ने जवाब दिया।

यूआईडीएआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मोंगोडीबी के साथ एग्रीमेंट किया गया है और कंपनी के डेटाबेस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल लोगों के रजिस्ट्रेशन की रफ्तार जांचने में पहले ही किया जा रहा है। यह अभी साफ नहीं है कि मोंगोडीबी की वेंडर रिलेशनशिप सीधे यूआईडी से होगी या यूआईडी के साथ काम करने वाले किसी सिस्टम इंटीग्रेटर से। बड़े डेटाबेस को मैनेज करने वाले सॉफ्टवेयर बनाने वाली मोंगोडीबी ने साल 2007 में काम शुरू किया था। इसने अब तक करीब 1400 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसे कुछ फंडिंग इन-क्यू-टेल से मिलती है, जो सीआईए की वेंचर कैपिटल इकाई है।

मोंगोडीबी यह तो बताती है कि उसके इनवेस्टर्स में इन-क्यू-टेल शामिल है, लेकिन इस बात का खुलासा नहीं करती है कि उसे इससे कितनी रकम मिली है। इन-क्यू-टेल के मिशन में कहा गया है कि वह सीआईए के अभियानों को सपोर्ट करने के लिए इनोवेटिव टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस को बढ़ावा देगी।

इसकी वेबसाइट पर कहा गया है कि इनवेस्टमेंट करने के बाद आईक्यूटी कंपनी और इंटेलिजेंस कम्युनिटी पार्टनर एजेंसी के साथ मिलकर काम करती है ताकि सॉल्यूशन की डिलीवरी की जा सके। एनएसए के साथ कॉन्ट्रैक्टर रह चुके और बाद में गड़बड़ियों का खुलासा करने वाले एडवर्ड स्नोडेन ने कहा था कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां यूरोप और एशिया में कम्युनिकेशंस पर नजर रखती हैं। भारत ने अब तक इस मामले पर चुप है। अभी यह साफ नहीं है कि भारत सरकारी एजेंसियों की ओर से होने वाली इंटरनेशनल साइबर स्नूपिंग पर अंकुश की मांग वाले यूनाइटेड नेशंस के प्रस्ताव पर हामी भरेगा या नहीं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूआईडी की सेंट्रलाइज्ड डिजाइन को देखते हुए जोखिम है। सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसायटी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुनील अब्राहम ने कहा कि सीआईए के जुड़ाव को देखते हुए जोखिम दो स्तरों पर है। पहला, अगर मोंगोडीबी डेटा कंट्रोलर है तो सीक्रेट कोड्स का इस्तेमाल डेटा तक पहुंच बनाने में हो सकता है। दूसरी बात यह है कि अगर मोंगोडीबी को यूआईडीएआई के डेटा सेंटर्स में एडमिनिस्ट्रेटर का दर्जा हासिल हो तो वह कुछ भी कर सकती है, यहां तक कि कभी भी पूरा सिस्टम ध्वस्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर यूआईडीएआई मोंगोडीबी से कमर्शियल रिलेशनशिप बनाए बगैर केवल सोर्स कोड का उपयोग करे तो भी उसे सोर्स कोड का ऑडिट करना चाहिए कि इसे बैक डोर से सीआईए ने तो पेश नहीं किया है। अब्राहम ने कहा कि स्नोडेन के खुलासे को देखते हुए यह जरूरी है।
 
लिजन जोसेफ, बेंगलुरु
इकनॉमिक टाइम्स | Dec 2, 2013
 http://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/cia-funded-company-to-be-associated-with-aadhar/businessarticleshow/26701220.cms

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