Wednesday, January 2, 2013

नदी जोड़ो परियोजना नदी हत्या परियोजना है

नदी सिर्फ पानी का पाइप लाइन नहीं है जिसे नदी जोड़ने के नाम पर तोड़-मरोड़ कर उलटी गंगा बहाई जाये। जल चक्र को मेट्रिक से पहले ही पढ़ाया जाता है। जल चक्र को याद रखे। नदियों का पानी समुद्र में जाकर वापस लौट आता है। सागर से जो बादल बनकर उठता है उसी से तो नदी और अन्य जल स्रोतों का निर्माण होता है। केंद्र का हो या मध्य प्रदेश का या बिहार का या अन्य राज्य का, नदी जोड़ो परियोजना नदी हत्या परियोजना है। बिहार में आठ नदियों को जोड़ने की योजना है। इसमें सबसे पहले कोसी-मेची को जोड़ने के क्रम में कदम उठाये जा रहे है।  इसमें से छह का प्री-फिसिबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार हो गया है। कोसी-मेची में अलावा बाढ़-नवादा, कोहरा-लालबेगी, बुढ़ी गंडक-नोन-बाया-गंगा, बुढ़ी गंडक-बागमती (बेल्वाधार) और कोसी-गंगा शामिल है। इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए। नदी हत्या का दोष सरकार और उसके समर्थको पर ही लगेंगा।   

गोपाल कृष्ण
टॉक्सिक्सवाच अलायन्स

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