ी िशवानन्द ितवारी (िबहार) : उपसभाध्यक्ष महोदय, इस िबल पर सदन की सवार्नुमित है, इसिलए इसके पास होने म कोई संदेह और शुबहा नहीं है। महोदय, हम याद है जब Nuclear Deal पर हताक्षर की बात चल रही थी, उस समय कई तरह के सवाल इस डील को लेकर उठाए जा रहे थे और मेरे मन म भी उस समय एक शंका पैदा हुई थी,जब हम पता लगा िक इस nuclear power को पैदा करने म िकतनी बड़ी पूंजी लगेगी, इसकी technology हमारे पास नहीं है, इसका raw material हमारे पास नहीं है और इसम जो िवशाल पूंजी लगने वाली है, वह भी हमारे पास नहीं है। इसके बाद इस project को हम कैसे ले रहे ह, यह बात हमारी समझ म नहीं आई थी। कोई भी आदमी ऐसा कोई project नहीं लगा सकता है, िजसकी technology उसके पास नहीं हो, raw material उसके पास नहीं हो और उसके लायक पूंजी भी नहीं हो। आज भी मेरे िदमाग म यह सवाल है और जैसा सीताराम येचुरी जी ने कहा िक आिखर इसकी हड़बड़ी क्य है, यह बात हमारी समझ म नहीं आई।
उपसभाध्यक्ष महोदय, इस देश का एक सबसे बड़ा संकट यह है िक िवकास के बारे मएक सवार्नुमित बन गई है। हम याद है जब धान मंतर्ी मनमोहन िंसह जी, नरिंसह राव जी की सरकार म िव मंतर्ी थे और 1990 म आिर्थक उदारीकरण की नीित चली थी, तो दोन सदन म एक िवकप की आिर्थक नीित की बात होती थी िक हम वदेशी की आिर्थक नीित चलाएंगे। उस समय लगता था िक मनमोहन िंसह जी के नेतृत्व म जो आिर्थक नीित चलाई जा रही है, वह वदेशी नहीं, िवदेशी है और उससे देश की sovereignty compromise होगी - यह एक आवाज़ िवकप की आिर्थक नीित के तौर पर चलती थी। म भी उस वदेशी की आिर्थक नीित से बहुत भािवत था, लेिकन मुझे इस बात का खेद है िक उन लोग को जब मौका िमला, जो सरकार चलाने के िलए वेदशी की आिर्थक नीित की बात करते थे, तो उनम और नरिंसह राव जी की सरकार म, डा. मनमोहन िंसह के नेतृत्व म जो आिर्थक नीित चल रही थी, कोई फकर् नहीं िदखाई िदया। मुझे ऐसा लगता है िक उस समय माननीय धान मंतर्ी जी को बहुत खुशी हुई होगी और उनको लग रहा होगा िक मेरी जो आिर्थक नीित है, वह vindicate हुई, क्यिक जो opposition है, वह वेदशी की आिर्थक नीित की बात करता था और उसके पास
कोई िवकप की आिर्थक नीित नहीं है। यह देश के सामने संकट है। जब नरिंसह राव जी की सरकार गई थी, उस समय हम opposition म थे। हमने यह कहा था िक इस देश की जनता ने नरिंसह राव जी की सरकार को हटाया। मनमोहन िंसह जी की जो आिर्थक नीित थी, उस नीित को देश की जनता ने खािरज िकया लेिकन उसके बाद जो नई सरकार आई है, िजसने वेदशी की आिर्थक नीित पर mandate िदया है, वह उन्हीं नीितय को क्य चला रही है, िजन नीितय को नरिंसह राव जी की सरकार चला रही थी?
ी िशवानन्द ितवारी (कर्मागत) : आज िवकास की बात होती है िक िवकास के िलए िबजली की जरूरत है और इसके िलए हमारे सामने nuclear energy के अलावा और कोई राता नहीं है। म जानना चाहता हूं िक यह कैसा िवकास है - िजसके बारे म अभी सीताराम येचुरी जी ने कहा - िक इस देश के आधे बच्चे कुपोषण के िशकार ह, उनको भरपेट भोजन नहीं िमलता है? यह कैसा िवकास है िक इस देश का िकसान आत्महत्या कर रहा है और आप कह रहे ह िक आपका जी.डी.पी. का गर्ोथ रेट 8.5 परसट है? महोदय, मने अखबार म देखा है िक
फाइनस िमिनटर का बयान आया है िक हमारा जीडीपी 8.5 परसट है। सुीम कोटर् ने अभी हाल म एक फैसले म कहा िक यह कैसा िवकास है िक आपका जो जीडीपी है और जो human development index है, इन दोन म कोई match नहीं है? यह िकस तरह का िवकास है, इस बात को हम समझ नहीं पा रहे ह। देश की जनता के सामने एक tragedy है, उसके सामने कोई िवकप नहीं है। हम जानते ह िक जब पूरा सदन, पक्ष और िवपक्ष, एक साथ हो गया है तो इस िबल को पास होना ही है, लेिकन मेरे मन म आज भी डर है िक िजतना बड़ा project हम लोग लेने जा रहे ह, उसको हडल करने की क्षमता क्या हमारे देश म है?
हमारा देश बहुत लापरवाह िकम का देश है। हमने देखा है िक क्या हालत हुई है - हमारे देश म सरकार का िवज्ञापन छपता है, उसम देश के एयरफोसर् के कैटन के बदले पािकतान के एयरफोसर् के सेनापित का फोटो छप जाता है, हमारा देश इतना inefficient है। हमने यह देखा है। एक बार हमने अखबार म पढ़ा िक धान मंतर्ी जी हैदराबाद गए थे और उनका helicopter िकसी दीवार से टकरा गया था। इसी कार राटर्पित जी को कहीं जाना था तो जो सीढ़ी है, वह जाकर जहाज से लग गयी थी। महोदय, हमारा देश बहुत लापरवाह िकम का देश है। आप भोपाल गैस को देिखए। अचानक से कोई दुघर्टना नहीं हुई थी। उसके पहले चेतावनी िमल गयी थी िक वहां पर सब कुछ ठीक नहीं है। जो सेटी के norms ह, उनका maintenance नहीं हो रहा है, लेिकन हमने उसको कभी दुरुत नहीं िकया। इसिलए हम कभी-कभी डर भी लगता है। म जानता हूं िक यह धान मंतर्ी जी का बहुत ही pet project है। हमने अखबार म पढ़ा था िक धान मंतर्ी जी इसके िलए अपनी सरकार तक दांव पर लगाने के िलए तैयार थे।
मुझे बहुत खुशी होती, अगर धान मंतर्ी जी, इस देश के जो कुपोिषत बच्चे ह, आधे बच्चे ह, उनको कैसे पोषण िमले, इसके िलए अगर उन्हने सरकार को दांव पर लगाने का यास िकया होता, तो मेरे जैसा आदमी उनको माला पहनाता। आज टाचार का क्या आलम है? यहां अयर जी मौजूद ह। आज टाचािरय की िहमत इतनी बढ़ गयी है िक िदली म Common Wealth Games के नाम पर हमारी छाती पर चढ़कर लूट हो रही है - सरकार की नाक के नीचे, धान मंतर्ी जी की नाक के नीचे यह सब हो रहा है और हम कुछ भी नहीं कर पा रहे ह।
आज हम लोग इतने बेबस हो गए ह। अगर धान मंतर्ी जी ने इस देश से टाचार को िमटाने के िलए अपनी कुसीर् को दांव पर लगाया होता, तो मेरे जैसे आदमी को खुशी होती और म दावे के साथ कह सकता हूं िक वैसी हालत म धान मंतर्ी के रूप म मनमोहन िंसह जी का नाम इितहास म िलखा जाता। लेिकन आज िजस सवाल पर इस सरकार को दांव पर लगाने का इन्हने यास िकया है - हमने देखा है िक लोक सभा म जैसे ही The Civil Liability for Nuclear Damage Bill, 2010 पास हुआ, सबसे पहली बधाई अमेिरका से िमली। चाहे आप िजतना भी कह िक हम अपने देश की sovereignty के साथ, हम अपने देश के अंदर जो फैसला लेना है, उस पर जो हमारा अिधकार है, उसके साथ हम कोई समझौता नहीं करने वाले ह, ऐसा हम नहीं लगता है, कोई इसे मानने के िलए तैयार नहीं है। महोदय, मुझे बहुत अफसोस है िक हम लोग उसी राते पर बढ़ रहे ह। 1909 म महात्मा गांधी ने "िहन्द वराज" म िलखा था िक िकसी अंधे आदमी को मालूम होगा िक जो-जो industrialized nations ह, उनके िवकास के राते को अगर हम लोग ने कबूल िकया तो हम लोग नकर् के राते पर जाएंगे। उन्हने कहा िक हम लोग िवनाश के राते पर जाएंगे। महोदय, इस देश म गांधी जी
पैदा हुए िजनके मरने के बाद ..(समय की घंटी).. म समात कर रहा हूं, आइनटाइन ने कहा िक आने वाली पीिढ़य को आचयर् होगा िक हाड़-मांस का बना हुआ एक िंजदा आदमी इस धरती पर चलता था। आज उस आदमी के इस देश म हम िवकास की ऐसी नीित बना रहे ह, म जवाबदेही के साथ कह रहा हूं, िक हमारी जो sovereignty है, उसे हम दांव पर लगा रहे ह। हम यह नहीं िदखाई दे रहा है िक हम अपने बच्च को सही खुराक नहीं दे रहे ह, उनको सही िशक्षा नहीं दे रहे ह, अपने बीमार का हम इलाज नहीं करा रहे ह, उसके बावजूद
..(यवधान)..
उपसभाध्यक्ष (ो0 पी.जे.कुिरयन) : अब समात कीिजए।
ी िशवानन्द ितवारी : धान मंतर्ी जी का pet bill पास होने जा रहा है, इसके िलए म उनको बधाई देता हूं िक आप संतोष कर सकते ह। बहुत-बहुत धन्यवाद।
(Shivanand Tiwari with Nitish Kumar)
On 30 August, 2010, Rajya Sabha passed the Nuclear Liability Bill.
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