Sunday, August 21, 2011

इतिहासकार रामशरण शर्मा की अन्तेय्ष्टि पेज थ्री पर

बिहार के अख़बारों में आज पेज थ्री की खबर है -महान इतिहासकार ,बिहार के गौरव रामशरण शर्मा पंचतत्व में विलीन हो गए.

वजीर -ऐ -बिहार नीतीश कुमार आदरणीय शर्मा जी घर अतिम दर्शन करने गए तो यह तस्वीर हर हिंदी अख़बार में छपी है. एक भूतपूर्व कामरेड पत्रकार ने महान इतिहासकार के लेखन पर लिखकर अपने कामरेडसिप को प्रमाणित करने की कोशिश की है.

अपने भूतपूर्व कामरेड या किन्ही नगमानिगार ने यह लिखने की हिम्मत नहीं जुटाई कि बिहार गौरव रामशरण शर्मा के निधन के बाद जब वजीरे बिहार ने राजकीय सम्मान के साथ अन्तेय्ष्टि की घोषणा की तो २१ अगस्त को बांस घाट पर अत्येष्टि से पूर्व उन्हें "गार्ड ऑफ ऑनर" क्यों नहीं दिया गया ....?

बांसघाट पर बिहार सरकार के मंत्री श्री पी .के शाही और सत्ता के लिए कांग्रेस से जद ( यू )में आये किसी विभाग के मंत्री श्री रामाश्रय सिंह मौजूद थे. मैंने सरकार के दोनों प्रतिनिधिओं से पूछा -राजकीय सम्मान की घोषणा के बाद "गार्ड ऑफ ऑनर " क्यों नहीं दिया गया.

श्री पी के शाही ने कहा कि मै पता करता हूँ ,कोई चूक हुई है".

तत्काल उनने किसी ब्युरोक्रट्स से मोबाईल पर बात की और मीडिया को बताया कि " गार्ड ऑफ ऑनर " परंपरागत तरीके से दिया जाता रहा है लेकिन यह नियम (विधिसंगत )नहीं है.

सरकार के वाहन से शर्मा जी का शव बांस घाट लाया गया और किसी सरकारी मुलाजिम ने उनके शव पर राष्ट्रध्वज समर्पित किया .जाहिर है कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मृत्यु पूर्व रुबन इमरजेंसी के आई .सी .यू में जाकर व मृत्यु उपरांत शर्मा जी के निवास पर जाकर शर्मा जी का ओपचारिक दर्शन किया था.

जब आदरणीय शर्मा जी मीडिया कि भाषा में पंचतत्व में विलीन हो रहे थे ,वजीर -ऐ -बिहार उड़नखटोले से बिहार के बढ़ क्षेत्र का दर्शन कर रहे थे.

मुख्यमंत्री जी को यह बताने कि हिम्मत करनी चाहिए कि जिन्हें उनने बिहार गौरव कहा उनकी अंत्येष्टि में राजकीय सम्मान कि घोषणा के बावजूद "गार्ड -ऑफ़ -ऑनर "क्यों नहीं ....?

क्या रामनामी राज्यसत्ता सत्ता ने राम (कथित देवता) का अस्तित्व नकारने वाले आदरणीय रामशरण शर्मा का मृत्यु उपरांत राजनितिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर अपमान किया है ...?

नीतीश कुमार जी ,ज्ञान की सम्पदा सबसे बड़ी ताकत होती है और अगर आपने ज्ञान परंपरा के प्रतीक के साथ मजाक की नोटिस नहीं ली तो आपकी छवि धुल में मिल जाएगी.

पुष्पराज

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