इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पूव॓ छात्र होने के नाते वहां के ताजा घटनाक्रम पर मैं बेहद खुश हूं और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. इतने महान संस्थान के छात्रसंघ के उद्घाटन के लिये ऐसे विवादास्पद चरित्रों का आना दुभा॓ग्यपूण॓ होता. ऐसी संस्थाओं का उद्घाटन किसी विद्वान, बड़े बुद्धिजीवी या किसी भी क्षेत्र में समाज को रोशनी देने वाले किसी बड़े व्यक्तित्व से कराना चाहिये। अपढ़ किस्म के 'मंतरी-संतरी' को भी ऐसे मौकों पर नहीं न्यौतना चाहिये। प्रतिरोध का झंडा बुलंद करने वाले तमाम छात्रों को बधाई और शुभकामना.
BiharWatch, Journal of Justice, Jurisprudence and Law is an initiative of Jurists Association (JA), East India Research Council (EIRC), Centre for Economic History and Accountability (CEHA) and MediaVigil. It publishes follow up research on the performance of just and unjust formal and informal anthropocentric institutions and their design crisis.
Thursday, November 19, 2015
इलाहाबाद विश्वविद्यालय का पूव॓ छात्र होने के नाते वहां के ताजा घटनाक्रम पर मैं बेहद खुश हूं और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. इतने महान संस्थान के छात्रसंघ के उद्घाटन के लिये ऐसे विवादास्पद चरित्रों का आना दुभा॓ग्यपूण॓ होता. ऐसी संस्थाओं का उद्घाटन किसी विद्वान, बड़े बुद्धिजीवी या किसी भी क्षेत्र में समाज को रोशनी देने वाले किसी बड़े व्यक्तित्व से कराना चाहिये। अपढ़ किस्म के 'मंतरी-संतरी' को भी ऐसे मौकों पर नहीं न्यौतना चाहिये। प्रतिरोध का झंडा बुलंद करने वाले तमाम छात्रों को बधाई और शुभकामना.
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